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नई दिल्ली के फुर्तीली स्टंपिंग और थ्रो पर बिना देखे स्टंप्स पर सटीक निशाने का कायल भला कौन नहीं था। विकेट के पीछे खड़े रहने वाले धोनी पलक झपकते ही विरोधी टीम का विकेट उड़ाने में माहिर थे। टीम इंडिया के मुख्य कोच () भी उनके इस स्टाइल के मुरीद हैं। धोनी की रिटायरमेंट के बाद रवि शास्त्री ने उनके खेल की जमकर प्रशंसा की है। शास्त्री ने कहा, 'बतौर विकेटकीपर वह नेचुरल नहीं थे लेकिन विरोधी टीम के लिए वह नरक की तरह प्रभावी थे। उन्होंने जो प्रभाव छोड़ा उसे देखिए। मेरे लिए उनकी स्टपिंग और उनके रन आउट मायने रखते हैं। उनके हाथ बहुत तेज चलते हैं, किसी जेबकतरे से भी ज्यादा तेज। बल्लेबाज को यह अहसास भी नहीं हो पाता कि धोनी ने उसकी गिल्लियां बिखेर दी हैं। यह कुछ ऐसा है, जो उनके प्रभाव से जुड़ा हुआ है।' रवि शास्त्री ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में यह बाते कही। मुख्य कोच ने कहा, 'यह आदमी किसी भी दूसरे खिलाड़ी से कहीं कम नहीं है। और जहां से वह आते हैं उन्होंने वहां आने वाले समय के लिए क्रिकेट को पूरी तरह बदल दिया है। और उनकी खूबसूरती यह है कि उन्होंने यह सभी फॉर्मेट में किया।' उन्होंने कहा, 'धोनी ने अपनी लीडरशिप से भारतीय क्रिकेट की सूरत बदल दी। उन्हें हमेशा इस खेल के महान खिलाड़ियों में शुमार किया जाएगा।' 58 वर्षीय शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट में धोनी के योगदान को याद करते हुए कहा, 'टी20 में उन्होंने वर्ल्ड कप जीता और 50 ओवर क्रिकेट में भी वर्ल्ड कप जीता। आईपीएल के कई खिताब अपने नाम किए। टेस्ट क्रिकेट में भी उन्होंने टीम को नंबर 1 की रैंकिंग पर पहुंचाया।'
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