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नई दिल्लीकोरोना वायरस की वजह से खेलों पर ब्रेक लगा हआ है। तमाम टूर्नमेंट स्थगित हो चुके हैं तो दूसरी ओर इसका असर अब ऐथलीटों पर भी दिखने लगा है। खासतौर पर उभरते हुए ऐथलीटों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। मेराज अली की एक स्टोरी सामने आई थी, जो एशियन यूथ मीट मे भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनके पिता की नौकरी चली गई है और अब वह फैमिली का खर्च उठाने को मजबूर हैं। इस क्रम में एक और ऐथलीट की कहानी सामने आ रही है, जो फैमिली का खर्च उठाने के लिए ठेले पर फल बेचने को मजबूर हैं। एशियन यूथ में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट अली अंसारी का खेल में भविष्य उज्ज्वल हो सकता है, लेकिन वह फिलहाल फल का ठेला लगाने पर मजबूर हैं। दिल्ली के महिपालपुर के रहने वाले अली कहते हैं कि छोटे परिवारों के युवा खिलाड़ियों को अपने खेल को जारी रखना मुश्किल हो गया है। अली अंसारी कहते हैं, 'मेरा परिवार आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं है और लॉकडाउन ने हमारे जीवन को और अधिक कठिन बना दिया है। आजकल मैं अपने पिता की दुकान पर मदद करता हूं।' उन्होंने कहा- यहां मुझे लोग केला वाला बुलाते हैं, लेकिन क्या कर सकते हैं। फैमिली को सपॉर्ट करने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही होगा। बता दें कि देश में आउटडोर प्रैक्टिस की छूट दी गई है, लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है।
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