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नई दिल्ली तारीख 27 जुलाई। साल 1936। भारतीय टीम ने अभी चार साल पहले ही टेस्ट मैच खेलना शुरू ही किया था। टीम इंग्लैंड के अपने दौरे पर थी। सीरीज का दूसरा मैच चल रहा था। 25 जुलाई को शुरू हुए मैच का दूसरा दिन था। 26 जुलाई को रेस्ट डे था। मैदान था ओल्ड ट्रैफर्ड का। इस दिन एक ऐसा रेकॉर्ड बना जो टेस्ट क्रिकेट के 143 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। 84 साल से यह रेकॉर्ड कायम है। इस दिन के खेल में कुल 588 रन बने। टेस्ट क्रिकेट में एक दिन के खेल में इससे ज्यादा रन न इस मैच से पहले बने और न ही टी20 क्रिकेट के दौर में पहुंचने के बाद ही रेड बॉल क्रिकेट में देखने को मिले। इन 588 रन में से इंग्लैंड ने 398 रन बनाए। इसमें जो हार्डस्टाफ ने 94 रन बनाए। भारत के पहली पारी के 203 रन के जवाब में इंग्लैंड ने मैच के चौथे दिन 8 विकेट पर 571 रन के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर दी। इंग्लैंड की तेज पारी का जवाब भारत ने भी ताबड़तोड़ अंदाज में दिया। दिन का खेल खत्म होने तक भारत का स्कोर था बिना किसी नुकसान के 190 रन। विजय मर्चेंट 79 और सैयद मुश्ताक अली 105 रन बनाकर नाबाद लौटे। भारत ने दूसरी पारी में 5 विकेट पर 390 रन बनाए। यह मैच तीन दिन का ही था। विजय मर्चेंट ने 114 और मुश्ताक अली ने 112 रन बनाए। इसके अलावा कोटार रामास्वामी ने 60 रन बनाए।
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