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नई दिल्ली भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में चेन्नै में यादगार टेस्ट खेला गया था। क्रिकेट के चाहने वाले आज भी उस मैच के रोमांच को याद करते हैं। भारत को जीत के लिए 271 रन चाहिए थे और 81 रनों पर उसके पांच विकेट गिर चुके थे। यहां से सचिन ने मोर्चा संभाला और कमर में भयानक दर्द के बावजूद क्रीज पर टिके रहे और 136 रन बनाए। सचिन टीम को जीत के करीब लेकर आए। भारत को जब जीत के लिए 17 रन चाहिए थे तब सचिन ऑफ स्पिनर की गेंद पर आउट हो गए। वसीम अकरम ने ही उनका कैच पकड़ा। अंत मे पाकिस्तान ने 12 रन से जीत हासिल की। सकलैन ने मैच में 10 विकेट लिए। उस मैच को याद करते हुए इस दिग्गज ऑफ स्पिनर ने कहा कि इस बात को 21 साल हो गए हैं लेकिन उन्हें आज भी वह बात याद है। स्पोर्ट्स स्टार से बात करते हुए सकलैन ने कहा, 'ऊपर वाला उस दिन मेरी तरफ था। मैंने नहीं सोचा था कि मैं मास्टर ब्लास्टर को आउट करूंगा। लेकिन जब ईश्वर प्लान बनाए तो उसे बदल नहीं सकते।' उन्होंने कहा, 'आखिरी सांस तक मैं इस बात पर फर्क महसूस करूंगा कि मैंने उसे उस दिन आउट किया था मेरा नाम उसके नाम के साथ जुड़ा रहेगा।' भारतीय टीम पांच विकेट खो चुकी थी लेकिन सचिन तेंडुलकर अच्छी फॉर्म मे थे। सकलैन ने याद करते हुए कहा, 'एक वक्त ऐसा था कि सचिन किसी को नहीं बख्श रहा था। वह बहुत शानदार खेल रहा था। तो मैं कप्तान वसीम अकसम के पास गया और कहा कि अब गेंदबाजों के लिए सचिन को रोक पाना मुश्किल होता जा रहा है। मनोवैज्ञानिक रूप से मैं थोड़ा डाउन महसूस कर रहा था।' अकरम के साथ बातचीत ने सकलैन की काफी मदद की। उन्होंने कहा, 'वसीम भाई ने कहा कि उन्हें मुझ पर पूरा यकीन है और मैं कुछ जादू कर सकता हूं। इस शब्दों ने मुझे मदद की और मैं थोड़ा मजबूत करने लग गया मैंने कुछ बाउंड्री खाईं पर आखिर में उन्हें आउट कर दिया।' सकलैन ने माना कि सचिन को आउट करना आसान नहीं था। उन्होंने कहा, 'सचिन की नजरें बहुत तेज थीं और वह कुछ भी पढ़ सकते थे। आपको यकीन नहीं होगा कि मैं उन्हें दूसरा फेंकने से डर रहा था कि कई वह चौके न लगा दें। यह उनकी ताकत थी। विकेट धीमा था तो मुश्किल और ज्यादा थी। लेकिन तब भी ऊपर वाले की मेहरबानी से मैं उन्हें आउट कर सका। '
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