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नई दिल्लीपूर्व भारतीय ऑलराउंडर का आज (4 अप्रैल) जन्मदिन है जिन्हें हमेशा देश के सबसे कंजूस बोलर के तौर पर याद किया जाएगा। बापू नाडकर्णी का इसी साल 17 जनवरी को 86 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया था। उनका जन्म 1933 में महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था। नाडकर्णी बाएं हाथ के बल्लेबाज और लेफ्ट आर्म स्पिनर थे। उन्होंने भारत की तरफ से 41 टेस्ट मैचों में 1414 रन बनाए और 88 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43 रन देकर छह विकेट रहा। वह मुंबई के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल थे। पढ़ें, नाडकर्णी ने 191 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिसमें 500 विकेट लिए और 8880 रन बनाए। उन्होंने न्यू जीलैंड के खिलाफ दिल्ली में 1955 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच भी इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 1968 में एमएके पटौदी की अगुआई में ऑकलैंड में खेला था। उन्हें हालांकि लगातार 21 ओवर मेडन करने के लिए याद किया जाता है। बापू नाडकर्णी ने 1964 में मद्रास (अब चेन्नै) के नेहरू स्टेडियम में इंग्लैंड टीम को रनों के लिए तरसा दिया था। उस मैच में उन्होंने लगातार 131 गेंद फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना। उन्होंने कुल 32 ओवर में 27 मेडन फेंके, जिनमें लगातार 21 ओवर मेडन रहे। उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-27-5-0 रहा था। आईसीसी ने भी उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया। मद्रास (अब चेन्नै) टेस्ट मैच में उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-27-5-0 था। उन्हें किफायती गेंदबाजी करने के लिए जाना जाता था। पाकिस्तान के खिलाफ 1960-61 में कानपुर में उनका गेंदबाजी विश्लेषण 32-24-23-0 और दिल्ली में 34-24-24-1 था। जब उनका निधन हुआ था, तब 'गॉड ऑफ क्रिकेट' सचिन तेंडुलकर ने भी श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने लिखा, 'मैं आपके बोलिंग के रेकॉर्ड को सुनते हुए बड़ा हुआ हूं। मेरी तरफ से श्रद्धांजलि।'
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