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खेल डेस्क. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने विराटकोहली के खराब फॉर्म के लिए उम्र को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। कपिल ने कहा कि जब आप 30 की उम्र पार कर जाते हैं तो इसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है। जिन गेंदों पर पहले वे आसानी से चौका लगाते थे, अभी उसी पर आउट हो रहे हैं। जब बड़े खिलाड़ी अंदर आती गेंद पर लगातार एलबीडब्ल्यू या बोल्ड होते हैं तो यह इशारा करता है कि उन्हें और प्रैक्टिस की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ औरविवियन रिचडर्सऐसे नाम हैं, जिन्हें अपने करियर में इन मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लेकिन जैसे उन्होंने वापसी की, वैसे ही भारतीय कप्तान भी अपनी लय पा लेंगे।
तीनों फॉर्मेट की पिछली 10 पारियों में कोहली ने 204 रन बनाए
न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का बल्ला खामोश रहा। कोहली के क्रिकेट करियर में यह तीसरा मौका है, जब वे 69 दिन तक तीनों फॉर्मेट (वनडे, टेस्ट और टी-20) में एक भी शतक नहीं लगा सके। इस दौरान कोहली ने तीनों फॉर्मेट में 22 पारियां खेलीं। पिछला शतक उन्होंने 22 दिसंबर को कोलकाता टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ 136 रन की पारी खेली थी। तीनों फॉर्मेट की पिछली 10 पारियों में भारतीय कप्तान ने सिर्फ 204 रन बनाए।
कोहली ने कभी भी मैदान पर अपनी सीमा पार नहीं की : कोच
इस बीच, कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा ने मैदान पर आक्रामक व्यवहार को लेकर उनका बचाव किया। राजकुमार ने नवी मुंबई में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोहली ने मैदान पर कभी भी अपनी सीमा नहीं पार की है। उन्हें गुस्से और बदतमीजी के बीच का अंतर पता है। भारतीय कप्तान न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने ज्यादा आक्रामक होने के सवाल पर भड़क गए थे। उन्होंने पत्रकार को लताड़ लगाते हुए कहा था- अधूरी जानकारी लेकर यहां क्यों आए हैं?
भविष्य में तेज गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव होगा : कोहली
न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज 2-0 से गंवाने के बाद भारतीय कप्तान ने पेस बॉलिंग अटैक में बदलाव की बात कही है। उन्होंने कहा कि टीम मैनेजमेंट को युवा तेंज गेंदबाजों की तलाश तेज करनी होगी, क्योंकि मौजूदा गेंदबाजों की उम्र बढ़ रही है। 26 साल के जसप्रीत बुमराह कई और सालों तक टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई कर सकते हैं। लेकिन 32 साल के इशांत और 29 साल के मोहम्मद शमी पहले ही अपने खेल के शीर्ष पर पहुंच चुके हैं। वहीं, उमेश यादव भी 33 साल के हो जाएंगे। ऐसे में यह खिलाड़ी अब युवा नहीं होने वाले, इसलिए हमारे पास ऐसे गेंदबाजहोने चाहिए जो उनकी जगह ले सकें।
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