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के. श्रीनिवास राव, मुंबई इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें एडिशन की शुरुआत का वक्त करीब आ गया है। इस सीजन का शेड्यूल भी अब आ चुका है। ऐसे में कई हिस्सेदारों ने कुछ विसंगतियों की ओर इशारा किया है जिन पर बीसीसीआई को कुछ वक्त में ध्यान देना होगा। विदेश में खेलने की इजाजत क्यों नहीं उदाहरण के लिए तीन फ्रैंचाइजी टीमें यह नहीं समझ पा रही हैं कि करीब सात-आठ साल से लगातार अनुरोध के बावजूद उन्हें विदेश में खेलने की अनुमति क्यों नहीं मिल पा रही है। एक सूत्र ने कहा, 'मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और राजस्थान रॉयल्स- ने ऑफ सीजन (जब आईपीएल नहीं हो रहा हो) के दौरान विदेश में खेलने की दिलचस्पी दिखाई है। बीसीसीआई ने इस पर कोई तवज्जो नहीं दी है। हालांकि जनरल काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है।' एक फ्रैंचाइजी मालिक ने खुलकर कहा, 'इससे आईपीएल को भारत के बाहर विस्तार करने में मदद मिलेगी, खास तौर पर अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर और अन्य क्रिकेट न खेलने वाले देशों में। हम समझ सकते हैं कि फुल मेम्बर देशों में खेलना संभव नहीं है लेकिन अन्य देशों में इसकी इजाजत देने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।' आईपीएल में ऐसा कोई नियम नहीं है जिसके तहत गर्वनिंग काउंसिल को इसकी इजाजत देने में परेशानी हो। एक सूत्र ने कहा, 'जब तक विदेश में दो या अधिक फ्रैंचाइजी आपस में नहीं खेल रही हों तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।' स्पॉन्सर्स की परेशानीआईपीएल में लगभग हर दूसरा मैच देर रात 12 बजे के करीब समाप्त होता है। ऐसे में स्पॉन्सर्स की शिकायत है कि उन्हें ज्यादा विजिबिलिटी नहीं मिलती। एक बड़े स्पॉन्सर ने कहा, 'अगर आईपीएल अथॉरिटी मैच जल्दी शुरू नहीं कर सकते तो कम से कम ओवररेट को लेकर सख्त नियम बना सकती है।' एक अन्य स्पॉन्सर ने कहा, 'अगर आईपीएल के मैच रात 1130 बजे समाप्त होंगे, तो भी कुछ राहत होगी। समस्या यह है कि वीकडेज में लोग आमतौर पर 11 बजे सो जाते हैं क्योंकि अगला दिन उन्हें काम पर जाना होता है। प्रजेंटेशन सेरमिनी को आम तौर पर लोग नजरअंदाज ही करते हैं। तो या तो उन्हें न ही किया जाए या फिर ब्रॉन्डिंग के अन्य तरीके खोजे जाएं। या फिर यह देखा जाए कि मैच सामान्य समय से पहले कैसे खत्म किया जा सकता है।' पीआईएल का खतरा आईपीएल को लेकर देश के किसी भी कोने में फाइल होने वाली पीआईएल भी अकसर चर्चा में रहती है। एक सूत्र ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट पर इस पर ध्यान देना चाहिए और यह सब रुकना चाहिए। आईपीएल ऐसा बिजनस मॉडल है जो संबंधित पार्टियों के बीच लिखित अनुबंध के आधार पर खेला जाता है। कोई भी अदालत जाकर किसी भी विषय पर पीआईएल फाइल कर सकता है, अदालत इस पर सुनवाई करती है और मीडिया इसे खूब तवज्जो देता है। यह एक तरह का चलन बन गया है।' खिलाड़ियों की सुरक्षा आईपीएल के दौरान भारतीय क्रिकेटर फ्रैंचाइजी की देखरेख में होते हैं। फ्रैंचाइजी चाहते हैं कि खिलाड़ी पूरे टूर्नमेंट के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के काबिल रहें। एक करीबी सूत्र ने कहा, 'यह अच्छी बात है लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि भारतीय टीम प्रबंधन की इन खिलाड़ियों तक पहुंच हो ताकि वह देख सकें कि थकान भरे शेड्यूल का उनके शरीर पर क्या असर पड़ रहा है।'
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