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खेल डेस्क. पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में बदलाव बिल्कुल नहीं होना चाहिए। सहवाग ने कहा कि आज टेस्ट को चार दिन का करने की बात चल रही है, लेकिन इस फॉर्मेट से छेड़छाड़ करना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं। हां, टेस्ट को चांद तक जरूर पहुंचा सकते हैं। रोमांच के लिए डे-नाइट टेस्ट ज्यादा होना चाहिए, ताकि दर्शक स्टेडियम तक ज्यादा संख्या में आएं।’’ सहवाग रविवार को बीसीसीआई के सम्मान समारोह नमन में बोल रहे थे।
सहवाग ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट 143 साल पुराना हट्टा-कट्टा व्यक्ति है। इसमें एक आत्मा है और इसकी उम्र छोटी नहीं होनी चाहिए। यदि आपको बदलाव करना ही है, तो पांच दिन में ही करना चाहिए। एक दिन कम नहीं करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में 223 में से सिर्फ 13 प्रतिशत यानि 31 टेस्ट ड्रॉ हुए। जबकि 10 साल में 433 में 83 ड्रॉ हुए, जो 19 प्रतिशत हैं।’’
कई क्रिकेट दिग्गजों ने भी चार दिन के टेस्ट को नकारा
पूर्व ओपनर ने कहा कि टेस्ट को रोमांचक बनाना है, तो उसमें भी वनडे और टी-20 की तरह पॉवरप्ले ला सकते हैं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि टेस्ट को चार दिन का किया तो सबसे ज्यादा नुकसान कमेंटेटर्स का होगा। उन्हें एक दिन की कमाई कम मिलेगी। हाल ही में आईसीसी ने टेस्ट को चार दिन का प्रस्ताव रखा था। इसे लगभग सभी क्रिकेट दिग्गजों ने नकारा है।
मैदान पर खिलाड़ियों को अभद्र भाषा नहीं बोलना चाहिए
सहवाग ने कहा, ‘‘खिलाड़ियों को मैदान पर अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्रिकेट देख रहे बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ता है।’’ ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग पर सहवाग ने दुख जताया। उन्होंने कहा, जंगल की आग में ऑस्ट्रेलिया के कई लोग जान गंवा चुके हैं। मेरे देशवासियों की दुआएं आप सभी के साथ हैं।
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