खेल डेस्क. दानिश कनेरिया के हिंदू होने की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट टीम में उनसे भेदभाव के मामले में नया मोड़ आ गया है। पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक के मुताबिक, परवेज मुशर्रफ ने उन पर एक बार गंभीर आरोप लगाए थे। इंजमाम के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति ने उनसे कहा था कि वो बतौर कप्तान टीम में सिर्फ उन खिलाड़ियों को जगह देते हैं जो नमाज पढ़ते हैं और दाढ़ी रखते हैं। इंजमाम ने कहा किउन्होंने पूर्व सेनाध्यक्ष के आरोप खारिज कर दिए थे। कुछ दिनों पहले शोएब अख्तर ने एक टॉक शो में कहा था कि पाकिस्तान टीम के कई खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ खाना भी नहीं खाना चाहते थे।
दानिश मामले में चल रही सियासत और बयानबाजी के बीच इंजमाम का बयान मायने रखता है। दरअसल, कनेरिया को टेस्ट टीम में मौका देने वाले इंजमाम ही थे। इसी दौर में इस लेग स्पिनर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन भी किया। इंजमाम तीन महीने पहले तक पाकिस्तान के चीफ सिलेक्टर भी थे।
‘मजहब अपनी जगह है और खेल अपने स्थान पर’
दानिश विवाद पर इंजमाम ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘मुशर्रफ उस वक्त राष्ट्रपति थे। एक बार उन्होंने मुझे बुलाया और कहा- मैंने सुना है तुम टीम में सिर्फ उन लड़कों को खिलाते हो जो दाढ़ी रखते हैं और नमाज पढ़ते हैं। इस पर मैं हंस पड़ा। वो मुझे बहुत प्यार करते थे। इंजमाम मैं तुमसे सच्चाई जानना चाहता हूं। मैं हंस पड़ा। मैंने मुशर्रफ से कहा- मजहब अपनी जगह है और खेल अपने स्थान पर है। मैं दोनों चीजों को मिक्स करने में भरोसा नहीं करता। हमारा दीन यानी मजहब हमें इंसाफ करना सिखाता है, फिर चाहे सामने कोई भी हो।’’
कनेरिया के साथ नाइंसाफी नहीं हुई
इंजमाम ने अपने बयान में शोएब अख्तर के आरोप का जिक्र नहीं किया। हालांकि, दानिश का मामला सबसे पहले शोएब ने ही उठाया था। हक के मुताबिक, दानिश ने ज्यादातर क्रिकेट उनकी ही कप्तानी में खेली लेकिन उन्होंने कभी उससे भेदभाव होते नहीं देखा। इंजमाम ने कहा, “मैंने अपने दोस्त मुश्ताक अहमद को हटाकर दानिश को टेस्ट टीम में जगह दी। इसकी वजह यह थी कि वो ज्यादा बेहतर बॉलिंग कर रहा था। मुझे एक भी वाकया याद नहीं आता जब दानिश के गैर मुस्लिम होने की वजह से उसके साथ किसी ने गलत सलूक किया हो।
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