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खेल डेस्क. क्रिकेट इतिहास के महानतम स्पिनर्स में शुमार सकलैन मुश्ताक ने सौरव गांगुली की तहेदिल से तारीफ की। अपने यूट्यूब चैनल पर सकलैन ने कहा- मैं सौरव को अकड़ वाले इंसान के तौर पर देखता था, लेकिन एक घटना ने मेरी उसके प्रति सोच ही बदल दी। मैं उसे सलाम करता हूं, वो महान इंसान है। ऑफ स्पिन गेंदबाजी में ‘दूसरा’ ईजाद करने वाले मुश्ताक ने इस शो में श्रीलंकाई टीम का भी पाकिस्तान आने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने बांग्लादेश से भी अपील में कहा कि वो पाकिस्तान आकर टेस्ट क्रिकेट खेले।
40 मिनट की वो यादगार मुलाकात
टीम इंडिया 2005 में इंग्लैंड दौरे पर थी। एक टूर मैच में उसका मुकाबला ससेक्स काउंटी से था। सकलैन तब इसी टीम से काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। हालांकि, इस मैच में वो टीम का हिस्सा नहीं थे क्योंकि कुछ वक्त पहले ही उनके दोनों घुटनों की सर्जरी हुई थी। मुश्ताक ने कहा, “इस मैच में सौरव नहीं खेल रहा था। पर मैं खेल रहा था। हमारी बैटिंग चल रही थी। मैं बालकनी में बैठा था। अचानक सौरव पीछे से आया। अपने और मेरे लिए कॉफी के दो मग लाया। मैं चौंक गया। उसने मेरे घुटनों के बारे में पूछा। मैं सर्जरी की वजह से काफी डिप्रेस था। परिवार की कुशलक्षेम जानी। क्रिकेट पर भी बातें हुईं। हम करीब 40 मिनट बातचीत करते रहे।”
और मेरी सोच बदल गई: सकलैन
‘द सकलैन मुश्ताक शो’ में इस ऑफ स्पिनर ने आगे कहा, “मैदान पर प्लेयर्स के बीच कई बार टकराव होता है। मेरा भी हुआ। बाद में हम सब दोस्त होते हैं। हालांकि, मेरे और सौरव के बीच कभी ऐसा नहीं हुआ। लेकिन, मैं नहीं जानता था कि उसका दिल कैसा है या वो किस तरह का इंसान है। सिर्फ हाय-हैलो हुई थी। लेकिन, उस चालीस मिनट की मुलाकात में उसने न सिर्फ दिल जीता बल्कि सोच भी बदल दी। मुझे शर्मिंदगी हुई कि मैं इस इंसान को क्या समझता था। मैंने सौरव से कहा- यार, मुझे माफ कर देना। खेल के दौरान मुझे लगता था कि तुम्हारे अंदर बहुत एटीट्यूड है, अकड़ वाले इंसान हो। आज तुमने मेरा दिल जीत लिया और मैं तुम्हारी दिल से इज्जत करता हूं। मुझे लगता है कि अच्छे प्लेयर होते हैं, वो अच्छे इंसान भी होते हैं।”
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