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खेल डेस्क. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के प्रमुख क्रैग रीडी ने कहा कि रूस पर लगाया गया 4 साल के प्रतिबंध का फैसला बिल्कुल सही है। रूस ने इसे चुनौती दी है। क्रैग ने कहा कि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में वाडा के फैसले का बचाव करेंगे। वाडा ने 9 दिसंबर को रूस पर एथलीट्स के गलत सैंपल्स भेजने के लिए 4 साल का बैन लगाया था। इसकी वजह से वह 2020 टोक्यो ओलिंपिक और 2022 फुटबॉल वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं ले पाएगा। साथ ही वह विंटर ओलिंपिक और पैरालिंपिक में भी भाग नहीं ले सकेगा।
रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रमुख यूरी गानस ने शुक्रवार को बताया- तय प्रक्रिया के तहत हमने वाडा को दस्तावेज भेजे हैं। इसमें प्रतिबंध से असहमति जताने वाला नोटिस भी है। उन्होंने कहा, ‘‘वाडा के प्रतिबंध के खिलाफ लड़ना व्यवहारिक रूप से असंभव है। उनका कहना है कि रूस को यह प्रतिबंध मान लेना चाहिए और अपनी गलती सुधारकर सिस्टम में बदलाव लाना चाहिए।’’
रूसी राष्ट्रपति ने कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी वाडा की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने कहा था कि रूस इस प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा। पुतिन ने जोर देकर कहा था, ज्यादातर एथलीट्स इसमें शामिल नहीं है। ऐसे में कुछ खिलाड़ियों की गलती के चलते बाकियों को रूसी झंडे के तले ओलिंपिक या दूसरे बड़े खेल आयोजनों में शामिल होने से नहीं रोका जाना चाहिए।
वाडा ने रूस द्वारा सौंपे डेटा को विश्वसनीय नहीं माना
रूस ने जनवरी 2019 में वाडा को अपनी सरकारी डोपिंग लैब का डेटा सौंपा था। यह मॉस्को में है। रूस ने कहा था कि इस एकीकृत डेटा को सौंपने के बाद उसे वाडा की प्रतिबंधित लैब सूची से बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन, बाद में वाडा ने साफ कर दिया कि उसे जो डेटा मिला है, वह विश्वसनीय नहीं है। वाडा ने कहा था कि रूस ने संस्था के मानकों का पालन नहीं किया। रूस के एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रमुख यूरी गानस ने भी माना था कि संभवत: वाडा को भेजे गए डेटा से छेड़छाड़ की गई।
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