खेल डेस्क. चोट के कारण टीम इंडिया से बाहर चल रहे क्रिकेटर हार्दिक पंड्या ने मंगलवार देर रात इंस्टाग्राम पर सर्बिया की एक्ट्रेस नतासा स्टांकोविच के साथ फोटो शेयर की। उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘‘नए साल की शुरूआत मेरे पटाखे के साथ।’’ इस फोटो में हार्दिक ने नतासा का हाथ पकड़ रखा है। साथ ही दिल का इमोजी भी बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे सर्बिया की एक्ट्रेस को डेट कर रहे हैं।
हार्दिक और नतासा के अफेयर की खबरें अगस्त से ही सोशल मीडिया पर चल रही हैं। दोनों कई बार एक साथ नजर भी आए हैं। डांस रियलिटी शो नच बलिए-9 में जलवा दिखा चुकी नतासा के लिए हार्दिक ने वोट भी मांगे थे। मीडिया के मुताबिक, हार्दिक ने नतासा को अपने परिवार से भी मिलवा दिया है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
हार्दिक की पिछले साल लोअर बैक की सर्जरी हुई
पिछले साल के विश्व कप के दौरान हार्दिक को लोअर बैक की शिकायत हुई थी। जांच के लिए वे लंदन के एक हॉस्पिटल में पहुंचे, जहां अक्टूबर में उनकी सर्जरी हुई। हार्दिक ने अब तक 11 टेस्ट, 54 वनडे और 40 टी-20 इंटरनेशनल खेले हैं।
न्यूजीलैंड दौरे के लिए हार्दिक का इंडिया-ए टीम में चयन
चोट के बाद वापसी करने वाले हार्दिक को न्यूजीलैंड दौरे पर जाने वाली इंडिया-ए टीम में शामिल किया गया। इस टीम में पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल, रविचंद्रनअश्विन और उमेश यादव को भी ए टीम के साथ जाने को कहा गया है ताकि वेन्यूजीलैंड के मौसम के अभ्यस्त हो सकें। टीम इंडिया फरवरी में न्यूजीलैंड जाएगी। वहां तीन टी-20 और दो टेस्ट मैच खेलेगी।
नई दिल्ली क्रिकेट की मशहूर वेबसाइट-क्रिकबज (cricbuzz.com) ने को अपनी इस का कप्तान बनाया है। महेंद्र सिंह धोनी को हालांकि टीम में जगह नहीं मिली है लेकिन रोहित शर्मा को जरूर सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी दी गई है। इस टीम में भारत से सिर्फ दो ही खिलाड़ी हैं। साउथ अफ्रीका के तीन खिलाड़ियों और न्यू जीलैंड के दो खिलाड़ियों को जगह मिली है। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, बांग्लादेश से 1-1 खिलाड़ी को चुना गया है। रोहित के साथ पारी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी साउथ अफ्रीका के हाशिम अमला को सौंपी गई है। अमला के अलावा उनके देश से अब्राहम डिविलियर्स और लेग स्पिनर इमरान ताहिर को इस टीम में जगह मिली है। बल्लेबाजी में अनुभव को तरजीह दी गई है और इसलिए कीवी टीम के पूर्व कप्तान रॉस टेलर को भी अपना नाम देखने को मिला। धोनी विकेटकीपिंग के मामले में इंग्लैंड के जोस बटलर से मात खा गए। वहीं, शाकिब अल हसन के रूप में टीम में एक हरफनमौला खिलाड़ी है। तेज गेंदबाजी आक्रमण की जिम्मेदारी श्रीलंका के लसिथ मलिंगा, ऑस्ट्रेलिया के मिशेल स्टार्क और न्यू जीलैंड के ट्रैंट बाउल्ट के जिम्मे है। साउथ अफ्रीका के इमरान ताहिर टीम में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर हैं। उनकी मदद करने के लिए टीम में शाकिब भी हैं। क्रिकबज की इस दशक की वनडे टीम:- विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, हाशिम अमला, रॉस टेलर, अब्राहम डिविलियर्स, शाकिब अल हसन, जोस बटलर, मिशेल स्टार्क, लसिथ मलिंगा, इमरान ताहिर और ट्रैंट बोल्ट।
खेल डेस्क. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बुधवार को युवा गेंदबाज नसीम शाह (16) का नाम अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम से वापस ले लिया। उनकी जगह मोहम्मद वसीम जूनियर को टीम में शामिल किया है। शाह ने नवंबर 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था। वे अब तक तीन टेस्ट खेल चुके हैं। शाह को अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में चयनित करने पर पीसीबी की काफी आलोचना हुई थी। इस बार वर्ल्ड कप दक्षिण अफ्रीका में 17 जनवरी से 9 फरवरी के बीच खेला जाएगा।
पीसीबी ने कहा कि अंडर-19 युवा और नए खिलाड़ियों का प्लेटफॉर्म है। जबकि शाह सीनियर टीम में खेल चुके हैं। वे अभी वकार युनिस की कोचिंग में गेंदबाजी क्षमता को निखार रहे हैं। साथ ही नसीम शाह अभी बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए पाकिस्तान टीम में चयनित हैं।
पाकिस्तान ने दो बार वर्ल्ड कप खिताब जीता
वसीम ने एक अंडर-19 वनडे मैच खेला, जिसमें उन्हें तीन विकेट मिले थे। उन्होंने अब तक 3 अंडर-19 तीन दिवसीय मुकाबलों में 7 विकेट लिए हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप की बात करें तो पाकिस्तान ने 2004 और 2006 में दो खिताब जीते हैं। वह तीन बार रनर-अप रहा है। इस बार टूर्नामेंट में पाकिस्तान का पहला मुकाबला स्कॉटलैंट से 19 जनवरी को होगा।
भारत ग्रुप-ए और पाकिस्तान ग्रुप-सी में
अंडर-19 का यह 13वां वर्ल्ड कप होगा। इस बार कुल 16 टीमें वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही हैं। इन्हें 4 ग्रुप में बांटा गया है। भारतीय टीम ग्रुप-ए में जबकि पाकिस्तान ग्रुप-सी में है। प्रत्येक ग्रुप से दो शीर्ष टीमें सुपर लीग में पहुंचेंगी। वॉर्म अप मैच 12 से 15 जनवरी के बीच जोहानेसबर्ग और प्रिटोरिया में खेले जाएंगे। चार शहरों और आठ मैदानों पर कुल 24 मैच खेले जाएंगे। भारत ने अब तक 4, ऑस्ट्रेलिया ने 3, पाकिस्तान ने 2 और इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज और साउथ अफ्रीका 1-1 बार यह विश्व कप जीत चुके हैं।
खेल डेस्क. एक रोबोट स्टेडियम में आपको सीट तक ले जाता है, आकाश में कृत्रिम उल्कापिंड दिख रहे हैं, फ्लाइंग कार में बैठा खिलाड़ी स्टेडियम में ओलिंपिक टार्च रोशन कर रहा है। यह सब भले ही पढ़ने-सुनने में साइंस फिक्शन जैसा लगता है, पर सच है। वेलकम टू टोक्यो ओलिंपिक। यह सब 2020 टोक्यो ओलिंपिक के दौरान दिखेगा। 2011 के भूकंप, उससे आई सुनामी और फिर फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से फैले रेडिएशन से री-इनवेंट होकर जापान दुनियाभर के हजारों खिलाड़ियों की मेजबानी के लिए तैयार है। यह ओलिंपिक इतिहास का सबसे हाई-टेक ओलिंपिक होने जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है, जब दुनिया का सबसे बड़ा और अमीर शहर टोक्यो ओलिंपिक की मेजबानी कर रहा है। 1964 में जापान ओलिंपिक की मेजबानी करने वाला एशिया का पहला देश बना था। तब जापान दूसरे विश्व युद्ध से उबर रहा था। उसने खुद को री-इनवेंट कर सबसे तेज चलने वाली ट्रेन लाकर दुनिया को चौंकाया था। उन गेम्स को अमेरिका की लाइफ मैग्जीन ने "बेस्ट ओलिंपिक इन हिस्ट्री' कहा था। टेक्नोलॉजी के मामले में हमेशा अव्वल रहने वाला जापान करीब आधी सदी बाद एक बार फिर ओलिंपिक के जरिए री-इनवेंट कर रहा है।
8-के रिजॉल्यूशन वाली अल्ट्रा एचडी टीवी लगीं
ओलिंपिक देखने के लिए 8-के रिजॉल्यूशन वाली अल्ट्रा एचडी टीवी लगाई हैं। शहर में लगी हाई टेक्नोलॉजी वाली स्क्रीन फैंस को ऐसा व्यू देगी, जिससे उन्हें लगेगा कि वे उसमें हिस्सा ले रहे हैं।
फेस रिकग्निशन 0.3 सेकंड में पहचानेगा
इस बार ओलिंपिक में वॉलंटियर की भूमिका में रोबोट होंगे। हर साइज के ये रोबोट खेल गांव में खिलाड़ियों की मदद करेंगे। फेशियल रिकग्निशन सिस्टम 0.3 सेकंड में पहचान कर लेगा।
आतिशबाजी की बजाय कृत्रिम टूटते तारे दिखेंगे
जापान ओपनिंग सेरेमनी में फ्लाइंग कार से ओलिंपिक टॉर्च को रोशन करना चाहता है। टोक्यो में आतिशबाजी तो होगी, लेकिन पटाखों से नहीं। बल्कि कृत्रिम टूटते तारे दिखाई देंगे।
भीषण गर्मी से बचाने लार्ज स्पॉट कूलर लगे
उसी नेशनल स्टेडियम को री-इनवेंट किया है, जो 1964 के लिए बना था। उस समय उसके ऊपर छत नहीं थी। सिर्फ एक साइड शेड था। गर्मी से बचाने के लिए नए बने नेशनल स्टेडियम में 185 लार्ज स्पॉट कूलर्स लगाए गए हैं, जो स्टेडियम को ठंडा रखेंगे।
स्टेडियम के दूसरे और तीसरे फ्लोर को ऐसा डिजाइन किया गया है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में 80 हजार लोगों को यहां रखा जा सके। बैकअप पावर सप्लाई की व्यवस्था भी है। सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा।
स्टेडियम बनाने में 87% लकड़ी का इस्तेमाल हुआ। इसे बनाने में 10 हजार करोड़ रु. लगे। ओलिंपिक के 60% वेन्यू रियूज्ड-रिसाइकल चीजों से बने हैं।
सभी वेन्यू खेलगांव के आसपास 8 किमी के दायरे में हैं। टोक्यो ओलिंपिक के लिए करीब 5 हजार मेडल और पोडियम रिसाइकल चीजों से बने हैं।
खिलाड़ियों के लिए ड्राइवरलेस गाड़ियां
खिलाड़ियों और फैंस के लिए ड्राइवरलेस गाड़ियां चलाई जाएंगी। इन्हें खिलाड़ियों से फीडबैक लेकर डिजाइन किया गया है। क्लीन एनर्जी सोर्स के रूप में हाइड्रोजन और एल्गी (शैवाल) का इस्तेमाल होगा।
जापान सिलिकॉन वैली तक को चुनौती दे रहा है
जापान के ओलिंपिक इतिहास के जानकार सेंड्रा कोलिंस कहते हैं- जापान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने इनोवेशन के जरिए आगे बढ़ रहा है। वह सिलिकॉन वैली के जाएंट्स को चुनौती दे रहा है।
प्रधानमंत्री आबे पिछले गेम्स में सुपर मारियो की ड्रेस में पहुंचे
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2016 रियो ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी में सुपर मारियो की ड्रेस में पहुंचे थे। आबे को उम्मीद है कि ओलिंपिक से 2.96 ट्रिलियन येन (करीब 19 लाख करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट होगा। साथ ही डेढ़ लाख से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे।
मनुजा वीरप्पा, बेंगलुरु भारत के टेस्ट ओपनर लंबे समय से टीम इंडिया की कैप पहनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वह घरेलू क्रिकेट में साल दर साल अपने प्रदर्शन से खुद को सोने सा खरा साबित कर रहे थे लेकिन यह इंतजार था, जो खत्म ही नहीं हो रहा था। 28 वर्षीय मयंक को जब (26 दिसंबर 2018, मेलबर्न टेस्ट) ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की कैप पहनने का मौका मिला तो उन्होंने मुश्किलों से मिले इस अवसर को जाने नहीं दिया। कर्नाटक का यह बल्लेबाज तब से 9 टेस्ट खेल चुका है और इस दौरान उन्होंने 2 दोहरे शतक, एक शतक और तीन हाफ सेंचुरी अपने नाम की हैं। टेस्ट क्रिकेट में इस साल सबसे ज्यादा रन बनाने वाले वह छठे बल्लेबाज हैं। मयंक की कहानी उन युवा क्रिकेटरों के लिए एक मिसाल है, जो भारतीय टीम में खेलने का सपना देखते हैं। मयंक ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से अपने खेल के बारे खास बातचीत की। पेश हैं इस चर्चा के खास अंश... इस साल टेस्ट में सर्वाधिक रन बनाने वाले टॉप 10 बल्लेबाजों में शुमार यह सीखने का बहुत सही समय है। इस साल कई शानदार अनुभव रहे। ईमानदारी से कहूं तो जब मुझे टेस्ट टीम में मौका मिला और मैंने पहला मैच खेला, तो मैंने बिल्कुल भी नहीं सोचा की मुझे क्या खास करना चाहिए। मैंने बस इसे एक समय एक मैच की तरह ही लिया। मैं बस अपना सर नीचे रखता था तो हर बार अपने हर शॉट पर अपना बेस्ट देने की कोशिश करता था। टीम के लिए योगदान देकर अच्छा महसूस होता है। सबसे ज्यादा संतोषजनक यह है कि भारत दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम है। कौन सी पारी खास- साउथ अफ्रीका के खिलाफ 215 या बांग्लादेश के खिलाफ 243: इस सवाल पर मयंक ने कहा, 'ईमानदारी से बताऊं तो मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो तुलना करे। दोनों पारियों की अपना महत्व है। जब मैंने अपना पहला दोहरा शतक बनाया तो यह स्वभाविकतौर पर खास होगा। इसके बाद अगली ही सीरीज में अगला दोहरा शतक आ जाना भी खास है। मेरे लिए यही तथ्य खास है कि जब मैं सेट हो जाता हूं तो मैं बड़ा स्कोर करता हूं और टीम की कामयाबी में योगदान देता हूं।' लंबे समय से आप घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे क्या इससे मदद मिली? मैं समझता हूं और यही कहना चाहूंगा कि मेरी यह यात्रा कई दूसरे खिलाड़ियों से अलग रही है। मुझे यह पसंद है। हां मुझे बहुत ज्यादा घरेलू क्रिकेट खेलनी पड़ी, और इससे मुझे इंटरनैशनल लेवल पर मदद भी मिली। वे मैच (घरेलू क्रिकेट) खेलकर मुझे और बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद मिली। सात टेस्ट में तीन अलग-अलग जोड़ीदारों के साथ ओपनिंग:ऐसा करते हुए आपको कोई अजस्टमेंट नहीं करनी होती क्योंकि आप वहां टॉप क्वॉलिटी वाली खिलाड़ियों के साथ खेल रहे होते हैं। आप अपना खेल समझते हैं और वे अपना, तो यह बहुत ज्यादा संवाद और आपसी मेलजोल की बात है। रोहित शर्मा बतौर ओपनिंग साझेदार: यह पहली बार था जब मैं उनके साथ ओपन कर रहा था। हमने बस अपनी योजनाओं के बारे में बात की, हमारे पास हर गेंदबाज को लेकर योजना थी। हमने बहुत ज्यादा नहीं सोचा, हमने बस बॉल दर बॉल वैसे ही लिया जैसे गेंदें आती गईं। यह बहुत शानदार अहसास है कि उनके साथ पहली ओपनिंग साझेदारी (विशाखापत्तनम टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 317 रन) में ही हमने बहुत बड़ी ओपनिंग साझेदारी बनाई। नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े होकर मैंने उन्हें खेलते हुए देख कर पूरा लुत्फ लिया और यह देखा कि कैसे वह स्पिनर्स पर अपनी धाक जमाते हैं। आप देख सकते हैं कि बोलर्स संघर्ष कर रहे थे। गेंदबाजों की अच्छी बॉल पर भी वह चौका और छक्का जड़ रहे थे और खराब गेंदों को तो सजा मिल ही रही थी।
खेल डेस्क. भारत के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए मंगलवार को श्रीलंका की टीम घोषित की गई। एंजेलो मैथ्यूज की 18 महीने बाद टी-20 टीम में वापसी हुई है। तेज गेंदबाज प्रदीप इंजरी के कारण नहीं चुने गए जबकि शेहान जयसूर्या को बाहर किया गया है। हालांकि टी-20 में श्रीलंका का भारत के खिलाफ प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। दोनों के बीच अब तक 6 द्विपक्षीय सीरीज खेली गई है। टीम इंडिया ने 5 सीरीज जीती। एक सीरीज बराबर रही। यानी श्रीलंकाई टीम हमसे अब तक सीरीज नहीं जीत सकी है।
दोनों के बीच अब तक 16 मैच खेले गए हैं। 11 मैच टीम इंडिया ने जबकि 5 मैच श्रीलंका ने जीते हैं। टीम इंडिया यदि सीरीज के सभी तीन मैच जीत लेती है तो श्रीलंका के खिलाफ सबसे ज्यादा 14 मैच जीतने वाली टीम बन जाएगी। 3 मैचों की सीरीज का पहला मैच 5 जनवरी को गुवाहाटी में होगा।
2019 में भारत 14 जबकि श्रीलंका 4 मैच ही जीत सका
पिछले साल दोनों टीमों के रिकॉर्ड को देखें तो टीम इंडिया ने 74 फीसदी जबकि श्रीलंका ने 50 फीसदी मुकाबले जीते हैं। टीम इंडिया ने पिछले साल 19 में से 14 टी-20 मुकाबले जीते। दूसरी ओर श्रीलंका ने 8 में से 4 मैच जीते। दोनों टीम को 4 में हार मिली।
भारत में दोनों के बीच चौथी सीरीज, एक सीरीज ड्रॉ रही
भारत घर में श्रीलंका से चौथी बार द्विपक्षीय सीरीज खेलेगा। 2009 में सीरीज 1-1 से बराबर रही थी। 2016 में टीम इंडिया ने 2-1 से और 2017 में सीरीज 3-0 से जीती थी। घर में हमारे पास श्रीलंका के खिलाफ लगातार तीसरी सीरीज जीतने का मौका है।
टीम इंडिया दूसरी सबसे सफल टीम, श्रीलंका छठे नंबर पर
टी-20 के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात की जाए तो टीम इंडिया दूसरी सबसे सक्सेसफुल टीम है। टीम ने 126 में से 78 मुकाबले जीते हैं। पाक टीम 149 में से 90 मुकाबले जीतकर पहले नंबर पर है। दक्षिण अफ्रीका (68) तीसरे, ऑस्ट्रेलिया चौथे (65) और न्यूजीलैंड (61) पांचवें नंबर पर है। श्रीलंका 59 जीत के साथ छठे नंबर पर है।
खेल डेस्क. स्पेन का फुटबॉल क्लब बार्सिलोना एक बार फिर नेमार को अपने साथ जोड़ना चाहता है। क्लब को पता है कि लियोनेल मेसी हमेशा साथ नहीं रहेंगे। फ्रांस फुटबॉल के अनुसार, मेसी भी चाहते हैं कि नेमार बार्सिलोना से जुड़ जाएं। उन्होंने यह भी कहा है कि वे नेमार के लिए बार्सिलोना छोड़ सकते हैं। इसके लिए मेसी ने नेमार को वॉट्सएप किया है।
मेसी ने लिखा, ‘‘हम दोनों मिलकर एक बार फिर चैंपियंस लीग जीत सकते हैं। मैं चाहता हूं कि तुम बार्सिलोना में वापस आ जाओ। अगले दो साल में मैं बार्सिलोना छोड़ दूंगा। तुम ही मेरी जगह ले सकते हो।’’बार्सिलोना में एंटोनी ग्रीजमैन, फिलिप कॉटिन्हो और ऑसमाने डेंबेले जैसे कई बड़े नाम हैं। लेकिन क्लब को पता है कि मेसी की जगह सिर्फ नेमार ले सकते हैं। नेमार 2017 में फ्रांस के क्लब पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) से जुड़े थे। उन्होंने पीएसजी से रिकॉर्ड करीब 3 हजार करोड़ रुपए की डील की थी।
बार्सिलोना नेमार के साथ डील कर सकता है
बार्सिलोना करीब 1400 करोड़ रुपए के एग्जिट क्लॉज के साथ नेमार से डील कर सकता है। ऐसी खबरें हैं कि नेमार भी बार्सिलोना से जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने हाल ही में मेसी और लुईस सुआरेज के साथ वाली एक फोटो शेयर की थी। सुआरेज ने अपनी 10वीं मैरिज एनिवर्सरी पर एक पार्टी रखी थी, जिसमें नेमार भी पहुंचे थे। पिछले साल ऐसी खबरें भी थीं कि नेमार का पीएसजी के कोच थॉमस टचेल से झगड़ा चल रहा है। वे क्लब छोड़ रहे हैं। नेमार चोट के कारण कई मैचों से बाहर रहे थे।
एमएसएन नाम से फेमस थी बार्सिलोना की यह तिकड़ी
मेसी, सुआरेज, नेमार की तिकड़ी फुटबॉल की दुनिया में एमएसएन नाम से फेमस थी। इन तीनों खिलाड़ियों ने तीन सीजन साथ खेले। इस दौरान 450 मैचों में 364 गोल किए। बार्सिलोना दो बार ला लिगा चैंपियन बना। क्लब ने एक बार चैंपियंस लीग का टाइटल जीता।
मुंबई भारत रत्न को लगता है कि आगामी दशक बच्चों और उन्हें उनके सपनों के पूरा करने की आजादी देने वाला होना चाहिए। तेंडुलकर ने नए साल की पूर्व संध्या पर कहा, 'साल 2020 और इससे शुरू होने वाला दशक बच्चों का होना चाहिए।' इस महान बल्लेबाज ने कहा, 'उनके (बच्चों) साथ समय बिताएं, प्यार दें और उन्हें गलती करने की छूट देनी चाहिए। हमें उन्हें बड़े सपनों के लिए तैयार करना चाहिए। उनकी सेहत, पोषण और शिक्षा में सही तरह से निवेश कर हम उन्हें उनके सपने सच करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।' खेल की अहमियत पर जोर देते हुए सचिन ने कहा, 'खेल न सिर्फ हमारे बच्चों को ऐक्टिव और स्वस्थ रखता है बल्कि वह इससे टीमवर्क भी सीखते हैं। हर बच्चे को जीवन के हर कदम पर समान मौके मिलने चाहिए और उनके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।'
मुंबई कामकाजी महिलाएं अक्सर इस डर में जीती हैं कि मां बनने पर उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। कई बार महिलाओं को प्रेग्नेंसी में नौकरी छोड़नी पड़ती है। खिलाड़ियों की बात करें तो कई मामलों में वे एक साल तक खेल से दूर हो जाती हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड (CA) ने नजीर पेश की है। उसने अपनी महिला क्रिकेटर्स को 12 महीने का वेतन सहित मातृत्व अवकाश देना शुरू किया है। सीनियर क्रिकेटर इस पॉलिसी का फायदा पाने वाली पहली क्रिकेटर बनी हैं। उन्हें इस छुट्टी के दौरान पूरा वेतन और अगली गर्मियों में नया कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। जेस चाहें तो बच्चे को जन्म देने से पहले तक ऐसी भूमिका स्वीकार सकती हैं, जिसमें क्रिकेट न खेलना पड़े। अगर BCCI की बात करें तो सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड होने के बावजूद यहां मातृत्व अवकाश को लेकर कोई पॉलिसी नहीं है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने बताया कि भारत में महिला क्रिकेटर्स को पैरंटल लीव नहीं मिलती। वहीं, टीम इंडिया के लिए 64 इंटरनैशनल मैच खेलने वालीं रीमा मल्होत्रा की मानें तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सामने कभी ऐसा केस आया ही नहीं, जहां मातृत्व अवकाश मांगा गया हो।
खेल डेस्क. भारत खेल की दुनिया में नए साल में कई चुनौतियों का सामना करेगा। क्रिकेट में दूसरी बार टी-20 चैंपियन तो पांचवीं बार अंडर-19 का सरताज बनने का मौका होगा। वहीं, ओलिंपिक में 12 साल बाद गोल्ड जीतने की उम्मीद है। पिछले सालों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो भारत के लिए 13 साल बाद टी-20 चैंपियन बनने की राह आसान नहीं है। क्योंकि आईसीसी टूर्नामेंट में उसका रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।
भारत आखिरी बार 2013 में इंग्लैंड को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीता था। इसके बाद वह आईसीसी के तीन बड़े टूर्नामेंट हारा है। इसमें 2014 टी-20 विश्व कप फाइनल, 2015 क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल है।
भारत को इकलौता व्यक्तिगत स्वर्ण 2008 बीजिंग ओलिंपिक में मिला था
भारत के लिए 12 साल बाद ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने का मौका है। 2008 बीजिंग ओलिंपिक में शूटर अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में यह उपलब्धि हासिल की थी। पदकों के लिहाज से 2012 लंदन ओलिंपिक देश के लिए सबसे सफल खेल रहे। इसमें भारत ने 6 पदक जीते थे। कुश्ती और निशानेबाजी में दो-दो और मुक्केबाजी-बैडमिंटन में 1-1 पदक मिले थे।
अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में गोल्ड जीता था
निशानेबाजी में भारत को 15 ओलिंपिक कोटा मिले
टोक्यो में सौरभ चौधरी और मनु भाकर पर सबकी नजरें टिकी हैं। सौरभ ने 2019 में आईएसएसएफ विश्व कप में 6 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज पर निशाना साधा है। वहीं, मनु भाकर ने इस साल शूटिंग विश्व कप में 5 और दोहा एशियाई चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण पदक जीते। इस बार देश के 15 निशानेबाजों ने टोक्यो ओलिंपिक का टिकट कटाया है।
बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में मेडल मांगे देश
पीवी सिंधु 2019 में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर भारत की पहली वर्ल्ड चैंपियन बनीं। 2016 रियो ओलिंपिक में सिंधु सिल्वर मेडल जीती थीं।
एमसी मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 51 किग्रा में ब्रॉन्ज जीता। यह उनका 8वां मेडल था। वे 4 वेट कैटेगरी (45, 46, 48, 51) में मेडल जीतने वाली भी पहली मुक्केबाज हैं।
भारत ने 2008, 2012 ओलिंपिक खेलों में कुश्ती में पदक जीते। इस बार भी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से उम्मीद है।
रियो में कटी 'चांदी', टोक्यो में गोल्ड चमकेगा
पांचवीं बार अंडर-19 विश्व जीतने की चुनौती
अंडर-19 का 13वां विश्व कप जनवरी में दक्षिण अफ्रीका में खेला जाएगा। 4 बार के चैंपियन भारत के पास पांचवीं बार खिताब जीतने का मौका है। फरवरी 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया था।भारत का पहला मुकाबला श्रीलंका से 19 जनवरी को होगा।
भारतीय महिला टीम 3 बार टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचीं
ऑस्ट्रेलिया में 2020 फरवरी-मार्च में सातवां महिला टी-20 विश्व कप खेला जाएगा। भारत 3 बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा है। आखिरी बार 2016 में उसे इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में हराया था। इससे पहले 2009 और 2010 में भी भारत आखिरी चार में पहुंचा था। अब तक हुए 6 टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 4 बार ऑस्ट्रेलिया जीता है। वह मौजूदा चैंपियन भी है।
मौजूदा चैंपियन भारत 7 बार एशिया कप जीता है
भारत अब तक सबसे ज्यादा 7 बार एशिया कप (6 बार वनडे, 1 टी-20) जीत चुका है। इस बार पाकिस्तान इसकी मेजबानी कर रहा है। हालांकि, भारत के खेलने पर संशय है। 2016 में पहली बार टी-20 फॉर्मेट में भारत, बांग्लादेश को हराकर चैंपियन बना था। वहीं, 2018 (वनडे फॉर्मेट) के फाइनल में भी भारत ने बांग्लादेश को शिकस्त दी थी।
एशिया कप में टीम इंडिया लगाएगी जीत की हैट्रिक
भारत के पास 13 साल बाद टी-20 विश्व चैंपियन बनने का मौका
अब तक 6 बार आईसीसी टी-20 विश्व कप का आयोजन हो चुका है। भारत ने पाकिस्तान को हराकर 2007 में पहला संस्करण जीता था। टीम इंडिया 2014 में भी इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचीं थी। लेकिन श्रीलंका के हाथों हारकर बाहर हो गई। श्रीलंका इकलौती टीम है, जो 3 बार टी-20 विश्व कप (पुरुष) का फाइनल खेली है। वह एक बार चैंपियन बनी।
भारत 3 बड़े देशों के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज खेलेगा
भारत साल के पहले तीन महीने में 3 टीमों के खिलाफ वनडे, टी-20 और टेस्ट सीरीज खेलेगा। शुरुआत जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ 3 मैचों की टी-20 सीरीज से होगी। इसके बाद भारत, ऑस्ट्रेलिया से 3 वनडे खेलेगा। जनवरी-फरवरी में भारत न्यूजीलैंड जाएगा। यहां 2 टेस्ट, 5 टी-20 और 3 वनडे की सीरीज होगी। मार्च में दक्षिण अफ्रीका भारत दौरे पर आएगा। दोनों देशों के बीच 3 वनडे खेले जाएंगे।
नई दिल्लीइंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के याचिकाकर्ता के बेटे लखन राजा को पटना में मिजोरम के खिलाफ होने वाले रणजी ट्रोफी मैच के लिए बिहार की टीम में जगह मिली है। क्रिकेट में भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले वर्मा को हमेशा से लगता था कि उनके बेटे को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बराबरी का मौका नहीं मिला। लखन बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज हैं। वर्मा ने बताया, ‘मेरे बेटे को अंतत: बिहार की रणजी टीम में जगह मिल गई है। मुझे यकीन है कि उसे मिजोरम के खिलाफ मैच में अंतिम एकादश में जगह मिलेगी। उम्मीद करता हूं कि वह रन बनाएंगे और टीम में अपनी जगह पक्की करेंगे।’ पढ़ें,श्रीनिवासन को जेल में घसीटा, अब बेटे को नौकरीअनधिकृत बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) के सचिव वर्मा ने 2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में बीसीसीआई के खिलाफ याचिका दायर की थी और तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को अदालत में घसीटा था। लखन हालांकि अब श्रीनिवासन की ही कंपनी इंडिया सीमेंट्स के लिए काम करते हैं। पहले कड़ा रवैया, फिर सुधारे संबंधवर्मा श्रीनिवासन के धुर विरोधी रहे लेकिन दिल्ली में बीसीसीआई की आम सभा बैठक के दौरान उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली। वर्मा को जब समझ में आया कि उनके रुख से उनके बेटे के क्रिकेट करियर पर असर पड़ रहा है तो उन्होंने नरम रवैया अपनाया और बीसीसीआई के पुराने अधिकारियों के साथ संबंध सुधारे। वर्मा श्रीनिवासन के आभारी हैं जिन्होंने उनके बेटे को इंडिया सीमेंट्स में उस समय काम दिया जब राज्य की टीम में चयन नहीं होने के कारण वह क्रिकेट से दूर हो रहे थे। पढ़ें,सब समय पर निर्भरवर्मा ने कहा, ‘श्रीनिवासन के कारण मेरा बेटा क्रिकेट खेलना जारी रख पाया। अब मैंने महसूस किया है कि वह असली प्रशासक हैं जिसकी भारतीय क्रिकेट को जरूरत है।’ यह पूछने जाने पर कि क्या उन्हें श्रीनिवासन की अगुआई वाले बीसीसीआई के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग याचिका दायर करने का मलाल है तो वर्मा ने रक्षात्मक रवैया अपनाते हुए कहा, ‘यहां कुछ भी सही या गलत नहीं है। यह सब समय पर निर्भर करता है।’
खेल डेस्क. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मेंदक्षिण अफ्रीकी टीम ने रविवार को 107 रन से जीत दर्ज की। इस पर दक्षिणी अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने टीम की तारीफ की। उन्होंने ट्वीट किया कियह देखकर अच्छा लग रहा है कि उनकी टीम शानदार वापसी के लिए तैयार है। इस परयूजर सिद्धार्थ मिश्रा ने कहा, ‘‘द. अफ्रीका और स्टेन को इतना खुश नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह महज एक घरेलू जीत है।’’ जवाब में स्टेन ने कहा, ‘‘इस लिहाज से तो भारत की भी घरेलू जीतों को काउंट नहीं करना चाहिए। मूर्ख, इससे भगवान को कुछ फर्क नहीं पड़ता।’’
डेल स्टेन ने ट्वीट किया- ‘‘अफ्रीकीटीम ने फाफ दू प्लेसिस और नए मुख्च कोच मार्क बाउचर की देखरेख में शानदार जीत दर्ज की। यह एक ऐसी टीम बनी है, जिसमें जीत की भूख और लड़ने की क्षमता है।’’
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टेस्ट चैम्पियनशिप में द. अफ्रीका की पहली जीत
इंग्लैंड के खिलाफ जीत से पहले दक्षिण अफ्रीका ने लगातार 5 मैच हारे थे। वहीं, वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में भी टीम की यह पहली जीत थी। अब तक अफ्रीका टीम ने टेस्ट चैम्पियनशिप में 4 में से पहला मैच जीता है। वह 30 पॉइंट के साथ 7वें नंबर पर काबिज है। इस लिस्ट में भारत अपने सभी 7 मैच जीतकर 360 अंक के साथ शीर्ष पर है।
खेल डेस्क. दक्षिण अफ्रीकी टीम के तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने उनकी टीम की जीत को साधारण बताने वाले एक भारतीय यूजर की खिंचाई कर दी। हाल ही में स्टेन ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में जीत हासिल करने वाली अपनी टीम को बधाई देते हुए एक ट्वीट किया था। उसी ट्वीट पर कमेंट करते हुए सिद्धार्थ मिश्रा नाम के एक भारतीय यूजर ने इसे घरेलू जमीन पर मिली साधारण जीत बताते हुएउनका मजाक उड़ाया। फैन ने कमेंट में लिखा, 'घर पर खेल रहे हो, भगवान की खातिर शांत रहो'।
दक्षिण अफ्रीका के लिए ये जीत बेहद खास थी, क्योंकि इससे पहले वो लगातार पांच टेस्ट मैच हार चुकी थी। ऐसे में उस यूजर का कमेंट पढ़कर स्टेन नाराज हो गए। उसे जवाब देते हुए उन्होंने लिखा, 'अगर ऐसा है तो मेरे हिसाब से भारतीय टीम को भारत में मिली जीत को भी नहीं गिनना चाहिए, और हां बेवकूफ आदमी इस बात से भगवान को कुछ फर्क नहीं पड़ता।'
स्टेन ने दक्षिण अफ्रीकी टीम की तारीफ में किया था ट्वीट
इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी टीम को जीत की बधाई देते हुए स्टेन ने लिखा था, 'बहुत अच्छे प्रोटियाज, लगता है मार्क और फाफ ने मिलकर ऐसी टीम बना दी है, जिसके अंदर जीत की भूख है, जो लड़ने के लिए तैयार है और इन सबसे ऊपर अपने लक्ष्य की ओर वास्तविक इरादे के साथ बढ़ रही है। टीम को वापसी करते हुए देखकर बहुत अच्छा लगा।'मार्क बाउचर के टीम का हेड कोच बनने के बाद ये उसकी पहली जीत है। इसी वजह से स्टेन ने जीत का श्रेय उन्हें भी दिया।
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दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज में 1-0 की बढ़त ली
दक्षिण अफ्रीका नेइंग्लैंड को पहले टेस्ट में 107 रनों से हरा दिया। मेजबान टीम को ये जीत 29 दिसंबर को मैच के चौथे दिन ही मिल गई। इसके साथ ही उसनेचार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त भी हासिल कर ली और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप की प्वाइंट्स टेबल में अपनाखाता भी खोल लिया। सीरीज का दूसरा मैच 3 जनवरी से केपटाउन में खेला जाएगा।
नई दिल्लीभारत के पूर्व चीफ कोच और कप्तान रहे दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को लगता है कि का अगले साल ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में जगह बनाना आईपीएल-2020 के उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। कुंबले ने 'क्रिकेटनेक्स्ट' से कहा, ‘यह इस बात पर काफी हद तक निर्भर करता है कि धोनी आईपीएल में किस तरह का प्रदर्शन करते हैं और अगर भारतीय टीम को लगता है कि उन्हें वर्ल्ड कप के लिए धोनी की जरूरत है तो वहां से वह टीम का हिस्सा बन सकते हैं.. लेकिन हमें देखना होगा।’ पढ़ें, टेस्ट में धोनी के कप्तान रह चुके कुंबले ने कहा है कि टीम प्रबंधन को विकेट लेने वाले विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ जाना चाहिए न कि हरफनमौला खिलाड़ियों के साथ। उन्होंने कहा, ‘मुझे निश्चित तौर पर लगता है कि आपको विकेट लेने वाले गेंदबाजों की जरूरत है और इसलिए कुलदीप यादव तथा युजवेंद्र चहल को टीम का हिस्सा होना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'यह अहम है कि आप विकेट लेने वाले गेंदबाजों के बारे में सोचें। अगर आपको लगता है कि आपको सिर्फ तेज गेंदबाजों की जरूरत जो आपको विकेट निकाल कर देंगे, बजाए हरफनमौला खिलाड़ियों के, मुझे यह लगता है कि यह अच्छा होगा।’ कुंबले ने साथ ही कहा है कि आस्ट्रेलिया के लिए टीम का चुनाव करना लंबी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि भारत इस बारे में सोचना शुरू करे कि ऑस्ट्रेलिया में कौन अच्छा प्रदर्शन करेगा और कौन वे गेंदबाज हैं जिनके पास विकेट लेने की काबिलियत है क्योंकि इससे विपक्षी टीम पर दबाव आ जाएगा।’ कुंबले को लगता है कि भारत को वर्ल्ड कप से 10-12 मैच पहले टीम का चुनाव कर लेना चाहिए। पढ़ें, धोनी ने अपने भविष्य के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा है। उन्होंने जुलाई-2019 में आखिरी वनडे खेला था, जो वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच था। उस मुकाबले में भारत को दिल तोड़ने वाली हार मिली और टीम इंडिया का सफर वर्ल्ड कप में भी समाप्त हो गया। उसके बाद से धोनी टीम में नहीं हैं। इससे पहले बीसीसीआई चीफ सौरभ गांगुली ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि धोनी ने अपने भविष्य को लेकर कप्तान विराट कोहली और सिलेक्टर्स से जरूर बात की होगी। गांगुली ने कहा था, ‘उन्होंने (धोनी) कप्तान से बात की है और मुझे यकीन है कि चयनकर्ताओं से भी बात की होगी।’
लंदनइंग्लैंड की तरफ से रेकॉर्ड गोल करने वाले गुरुवार को इंग्लिश फुटबॉल की दूसरी श्रेणी की टीम डर्बी की तरफ से पदार्पण करेंगे। यह मैच बर्नस्ले के खिलाफ खेला जाएगा। रूनी अभी 34 साल के हैं और वह डर्बी से खिलाड़ी और कोच के रूप में जुड़े हैं। रूनी एमएलएस टीम डीसी युनाइटेड से डर्बी से जुड़े थे लेकिन जनवरी तक अपनी नई टीम की तरफ से खेलने के पात्र नहीं थे। डर्बी के मैनेजर फिलिप कोकू ने कहा, ‘अगर उनके (रूनी) जैसा अनुभवी खिलाड़ी उपलब्ध हो तो आपके लिए यह बहुत खुशी की बात है और हम खुश हैं कि वह यहां हैं।’ डर्बी ने सोमवार को अपने घरेलू मैदान पर चार्लटन को 2-1 से हराया जिससे उसकी टीम चैंपियनशिप में 17वें स्थान पर पहुंच गई।
कोलंबो. श्रीलंकाई टीम के ऑलराउंडर थिसारा परेरा अब देश की सेना में मेजर भी बन गए हैं। खुद थिसारा ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। 30 साल के परेरा मध्यक्रम के आक्रामक बल्लेबाज और मीडियम पेसर हैं। थिसारा ने कहा- आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शावेंद्र सिल्वा ने मुझे सेना में शामिल होने और इसी टीम से खेलने का न्योता दिया था। इस आमंत्रण को स्वीकार करके मुझे काफी खुशी हो रही है।
सेना का शुक्रिया
सेना में मेजर का पद स्वीकारने के बाद परेरा ने ट्विटर पर इसका ऐलान किया। कहा, “मैंने आर्मी कमांडर शावेंद्र सिल्वा का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। मैं सेना में मेजर का पद ग्रहण कर रहा हूं। यह मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है। इसके लिए सिल्वा सर का धन्यवाद। मैं क्रिकेट के क्षेत्र में सेना को सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परेरा श्रीलंकाई सेना की स्वैच्छिक रेजीमेंट में तैनात रहेंगे।
दिनेश चंडीमल भी इसी रेजीमेंट में
श्रीलंका के पूर्व कप्तान दिनेश चंडीमल को 2019 के मध्य में सेना में शामिल किया गया था। वो भी सेना की टीम से ही खेलते हैं। 30 साल के परेरा ने देश के लिए कुल 6 टेस्ट, 161 वनडे और 79 टी20 खेले हैं। उन्होंने टेस्ट में 203, वनडे में 2210 और टी20 में 1169 रन बनाए हैं। गेंदबाजी में उनका प्रदर्शन इस तरह है। टेस्ट में 11, वनडे में 171 और टी20 में 51 विकेट थिसारा के नाम दर्ज हैं। श्रीलंकाई टीम अगले महीने तीन टी20 मैचों की सीरीज के लिए भारत आ रही है। पहला मैच गुवाहाटी में 5 जनवरी को खेला जाएगा।
लंदनइंग्लैंड ने व्यस्त कार्यक्रम के भार को कम करने के लिए टेस्ट क्रिकेट को पांच की जगह चार दिन का करने की इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की योजना का समर्थन किया है। आईसीसी 2023 से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में शामिल मुकाबलों को अनिवार्य रूप से चार दिवसीय करने पर विचार कर रहा है। ईसीबी के प्रवक्ता ने ‘डेली टेलीग्राफ’ से कहा, ‘यह इस खेल के जटिल कार्यक्रम और खिलाड़ियों के कार्यभार की जरूरतों को स्थायी समाधान मुहैया करा सकता है।’ टेस्ट क्रिकेट का इतिहास लगभग 140 साल पुराना है जहां इसे पांच दिन के फॉर्मेट में खेला जाता है। अगर 2015-2023 सत्र में चार दिवसीय टेस्ट मैच खेले जाते तो खेल से 335 दिन बच जाते। पढ़ें, चार दिवसीय टेस्ट कोई नई अवधारणा नहीं है। इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड और आयरलैंड ने चार दिवसीय टेस्ट मैच खेला था। इससे पहले 2017 में साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे ने भी ऐसा ही मैच खेला था। उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर इस योजना के समर्थक हैं लेकिन हम समझते है कि यह खिलाड़ियों, प्रशंसकों और हितधारकों के लिए टेस्ट क्रिकेट की विरासत को चुनौती देने के समान होगा।’ देखें, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने 2023 से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के मैचों को चार दिवसीय टेस्ट के रूप में कराने योजना के बारे में कहा था कि इस पर अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी केविन रॉबर्ट्स ने कहा था कि चार दिवसीय टेस्ट पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
नई दिल्लीसाउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज सोशल मीडिया पर भी काफी ऐक्टिव रहते हैं और उन्होंने भारतीय प्रशंसक की उस समय बोलती बंद कर दी जब उसने इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत का मजाक बनाया। साउथ अफ्रीकी टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में 107 रन से जीत दर्ज की। साउथ अफ्रीका के लिए 93 टेस्ट और 125 वनडे खेल चुके स्टेन ने ट्विटर पर कप्तान फाफ डु प्लेसिस और कोच मार्क बाउचर को बधाई दी। एक भारतीय प्रशंसक ने इस पर लिखा कि अपनी धरती पर यह जीत मिली है जिस पर स्टेन ने जवाब दिया, ‘यानी भारत की भारत में जीत को भी नहीं गिना जाएगा। वैसे भी ईश्वर ने इसमें कुछ नहीं किया है, इडियट।’ देखें, साउथ अफ्रीका ने सेंचुरियन में इंग्लैंड को 107 रन से हराकर 4 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। यह मुकाबला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा था जिसमें जीत से साउथ टीम को 30 अंक मिले। मुकाबले में विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक को मैन ऑफ द मैच चुना गया जिन्होंने पहली पारी में 95 रन बनाए।
पैरिस विश्व की पूर्व नंबर-1 महिला टेनिस खिलाड़ी 2020 के अपने अभियान की शुरुआत ब्रिसबेन में करेंगी जिसके लिए आयोजकों ने उन्हें वाइल्ड कार्ड दिया है। यह 32 वर्षीय रूसी खिलाड़ी अगस्त में यूएस ओपन में अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी अमेरिका की दिग्गज सेरेना विलियम्स से पहले दौर में हारने के बाद किसी टूर्नमेंट में नहीं खेली हैं। शारापोवा ने इंस्टाग्राम पर विडियो मेसेज में कहा, ‘हाय ब्रिस्बेन। मुझे तुम्हारी बहुत कमी खली और मैं अपने सत्र की शुरुआत आपके टूर्नमेंट और आपके शहर में करने को लेकर बेहद उत्साहित हूं।’ शारापोवा 2019 सत्र में कंधे की चोट से जूझती रहीं और इस कारण केवल 15 प्रतिस्पर्धी मैच ही खेल पाईं। इससे वह विश्व रैंकिंग में 133वें स्थान पर खिसक गईं। उन्होंने 2015 में ब्रिस्बेन ओपन का खिताब जीता था। इस बार यह टूर्नमेंट सोमवार से शुरू होगा।
नई दिल्ली बीते एक दशक में का रेकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। आंकड़ों के लिहाज से भारतीय टीम का प्रदर्शन क्रिकेट की दिग्गज टीम ऑस्ट्रेलिया से भी आगे रहा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने दशक की भारतीय टीम चुनी है। प्लेइंग इलेवन में उन खिलाड़ियों को शामिल किया गया है जिन्होंने एक दशक में कम से कम 30 टेस्ट मैच खेले हों। अगर यह कंडीशन न होती तो राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण आराम से किसी भी प्लेइंग इलेवन में जगह बना लेते। उनके नाम पर इसलिए चर्चा नहीं की गई क्योंकि उन्होंने कम टेस्ट मैच खेले हैं। रिजर्व- शिखर धवन, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह टाइम्स ऑफ इंडिया की दशक की टेस्ट टीम- वीरेंदर सहवाग, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), सचिन तेंडुलकर, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, उमेश यादव, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया से भी आगे रही टीम इंडिया भारतीय टीम ने इस दशक में कुल 107 टेस्ट मैच खेले और उसमें से 56 में जीत हासिल की और 29 मुकाबले हारे। 22 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे। भारत की जीत का औसत 52.33 प्रतिशत रहा। जीत प्रतिशत के लिहाज से भारत के बाद नंबर ऑस्ट्रेलिया का आता है जिसने 112 टेस्ट मैचों में से 57 जीते और 38 हारे। 17 मुकाबले ड्रॉ रहे। ऑस्ट्रेलिया का जीत प्रतिशत रहा 50.89 का। साउथ अफ्रीका ने 90 में से 45 जीते और 25 हारे। 20 ड्रॉ रहे। यानी उसका जीत का प्रतिशत रहा 50 का।
नई दिल्ली फील्डिंग क्रिकेट का एक अहम आयाम है। बल्लेबाजों और गेंदबाजों के साथ ही इस पहलू को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज के दौर में जहां फिटनेस काफी मायने रखती है, फील्डिंग की अहमियत और बढ़ जाती है। क्रिकेट में यूं ही नहीं कहा जाता- 'पकड़ो कैच, जीतो मैच'। बेन स्टोक्स (वर्ल्ड कप 2019)वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच हुए मुकाबले में ऐंडिल फेहलुकवायो ने आदिल रशीद की गेंद पर मिड-विकेट पर बड़ा शॉट लगाया। ऐसा लग रहा था कि गेंद बाउंड्री के बाहर छह रन के लिए जा रही है। बेन स्टोक्स ने हवा में बाउंड्री की ओर जमीन के समानांतर छलांग लगाते हुए गेंद को हवा में ही लपक लिया। उनके हाथ भी रिवर्स कप थे। यह वाकई जादुई लम्हा था। स्टोक्स के इस कैच की इतना अविश्वसनीय था कि कई बार रीप्ले करने के बाद भी पूरी तरह यकीन नहीं हुआ कि आखिर यह कैच हुआ कैसे। इस कैच को सर्वश्रेष्ठ कैचों में शुमार किया जा सकता है। स्मिथ का दूसरी स्लिप में शानदार कैच क्रिकेट के मैदान पर आप स्मिथ को बाहर नहीं रख सकते। वह सब कुछ करते हैं। न्यू जीलैंड के खिलाफ पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट कप्तान ने दूसरी स्लिप में शानदार कैच लपकते हुए कीवी कप्तान केन विलियमसन को पविलियन भेजा। गेंद तेजी से जा रही थी और स्मिथ ने उसे लपक लिया। उनका शरीर लगभग जमीन के समानंतर था। स्टीव स्मिथ ने जब से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की है वह पहले से भी अधिक जुझारू नजर आ रहे हैं। खेल के हर आयाम में वह पूरा जोर लगाते दिखाई दे रहे हैं। सैल्यूट कैच जमैका की सेना में काम कर चुके शेल्डन कॉर्टल को उनके सैल्यूटिंग सेलिब्रेशन के लिए जाना जाता है। कॉर्टल विपक्षी टीम के बल्लेबाज को आउट करने के बाद इस तरह का सैल्यूट करते हैं। वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में स्टीव स्मिथ ने ओशाने थॉमस की गेंद को फ्लिक किया। गेंद सिक्स के लिए जा रही थी तभी कॉर्टल ने शानदार कैच लपका। कॉर्टल ने अपनी गेंदबाजी के साथ-साथ फील्डिंग से भी प्रभावित किया है। विंडीज के खिलाड़ी आमतौर पर नैचुरल ऐथलीट होते हैं और कॉर्टल भी अपवाद नहीं हैं।
खेल डेस्क. पूर्व विश्व नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा 2020 की शुरुआत ब्रिसबेन ओपन से करेंगी। उन्हें इस टूर्नामेंट में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली है। यह 6-12 जनवरी के बीच खेला जाएगा। शारापोवा भी इसे लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा,‘‘मैं जब युवा थी तो कभी नहीं सोचा था कि तीस की उम्र पार करने के बाद भी खेलूंगी। लेकिन मुझे लगता है कि अब भी मुझमें काफी टेनिस बाकी है।जब तक मेरा कंधा ठीक रहता है और सेहत साथ देती है। तब तकमैं टेनिस खेलूंगी।’’
32 साल की यह रूसी खिलाड़ी पिछले साल यूएस ओपन के बाद सेटेनिस कोर्ट से दूर हैं। उन्हें इस टूर्नामेंट के पहले राउंड में अमेरिका की सेरेना विलियम्स ने सीधे सेटों में 6-1, 6-1 से हराया था। 2019 में कंधे की चोट के चलते शारापोवा 15 प्रतिस्पर्धी मैच ही खेल पाईं। वे लक्जमबर्ग ओपन में भी हिस्सा नहीं ले पाईं थीं। इसका उनकी रैंकिंग पर भी असर पड़ा। वे विश्व रैंकिंग में 133वें स्थान पर खिसक गईं।
शारापोवा ने कहा- मुश्किल सीजन के बाद मेरे लिए नई शुरुआत
ब्रिसबेन ओपन को लेकर शारापोवा ने कहा, ‘‘मुश्किल सीजन के बाद मेरे लिए यह नई शुरुआत है,मैंने पिछले साल काफी उतार-चढ़ाव देखे। कई बार ऐसा वक्त आया, जब मैं तो तैयार थी, लेकिन कंधा नहीं। हालांकि, ऑफ सीजन मेरे लिए अच्छा रहा है। अब मैं खेलने के लिए उत्साहित हूं। रूसी खिलाड़ी2015 में एना इवानोविच को हराकर ब्रिसबेन ओपन का खिताब जीत चुकी हैं। उनके लिए यह टूर्नामेंट 20 जनवरी से शुरू हो रहे ऑस्ट्रेलियन ओपन की तैयारी के लिहाज से अहम साबित होगा।’’
नई दिल्ली भारतीय तेज गेंदबाज ने मंगलवार को वर्ष 2019 को मैदान के अंदर और बाहर ‘उपलब्धियों, सीखने और यादों’ का साल बताया और कहा कि वह 2020 में एक अन्य सफल साल का बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। बुमराह ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस साल अपनी उपलब्धियों की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा है, ‘वर्ष 2019 मैदान के अंदर और बाहर उपलब्धियों, सीखने, कड़ी मेहनत और सुखद यादें जोड़ने का साल रहा। वर्ष 2020 में मैं जो भी हासिल करूंगा मुझे उसका इंतजार है।’ बुमराह वर्ष 2019 में न सिर्फ तीनों प्रारूपों में भारतीय तेज गेंदबाजी के अगुआ बने बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज भी बने। छब्बीस वर्षीय बुमराह ने 2019 का समापन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नंबर एक गेंदबाज के रूप में किया है जबकि आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में वह दुनिया के छठे नंबर के गेंदबाज हैं। इसी वर्ष बुमराह हरभजन सिंह और इरफान पठान के बाद टेस्ट क्रिकेट में हैटट्रिक लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बने। बुमराह ने अभी तक भारत की तरफ से 12 टेस्ट, 58 वनडे और 42 टी20 अंतरराष्ट्रीय में क्रमश: 62, 103 और 51 विकेट लिये हैं। यह तेज गेंदबाज हालांकि चोटिल होने के कारण अगस्त से बाहर है। वह चोट से उबर गये हैं और श्रीलंका के खिलाफ पांच जनवरी से शुरू होने वाली टी20 सीरीज में वापसी करने के लिए तैयार हैं। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 14 जनवरी से शुरू होने वाली वनडे सीरीज के लिए भी टीम में चुना गया है।
खेल डेस्क. पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि एक विश्लेषक और कमेंटेटर के तौर पर2019 उनके लिए सबसे खराब साल रहा। ये बात उन्होंने इस साल खेले गए विश्व कप के दौरान रवींद्र जडेजा के साथ हुए विवाद और कोलकाता में हुए डे-नाइट टेस्ट मैच के दौरान कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ हुई बहस को लेकर कही। भोगले के साथ हुए विवाद को लेकर उन्होंने खुद की गलती मानी और अपने कमेंट को गैर-पेशेवर और अशोभनीय बताया। दोनों ही घटनाओं के बाद मांजरेकर की जमकर किरकिरी हुई थी और सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल भी किया गया था।
मांजरेकर ने एक क्रिकेट वेबसाइट से कहा, ‘‘मैंने इस पेशे (कमेंट्री) की शुरुआत साल 1997-98 के दौरान की थी, इसलिए यहां मुझे करीब 20-21 साल हो चुके हैं। विश्लेषक और कमेंटेटर के रूप में ये मेरा सबसे खराब साल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जडेजा और मेरे बीच कोई गलतफहमी नहीं है, जैसा उन्होंने सुना, मैंने बिल्कुल वैसा ही कहा था। मैंने उनके लिए जो शब्द (बिट्स एंड पीसेस) इस्तेमाल किया था, उस पर मुझे कोई अफसोस नहीं है। ये क्रिकेट में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एक टर्म है।’’
भोगले पर किए कमेंट को लेकर अफसोस है
भोगले के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए मांजरेकर ने कहा, ‘‘उस कमेंट के बाद मुझे लगा था कि मैं खुद पर नियंत्रण खो रहा हूं। मेरा व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नहीं था, वो अशोभनीय था और मैं गलत था। वो कुछ ऐसा है जिसके लिए मुझे बेहद अफसोस है। उस घटना के बाद मैंने सबसे पहले प्रोड्यूसर के पास जाकर माफी मांगी थी।
जडेजा को कहा था 'बिट्स एंड पीसेस' प्लेयर
मांजरेकर ने जिन दो घटनाओं का जिक्र कियाउसमें से पहली घटना क्रिकेट विश्व कप में इंग्लैंड के हाथों भारत की हार के बाद हुई थी। तब मांजरेकर ने जडेजा को 'टुकड़ों-टुकड़ों' में प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बताते हुए उन्हें टीम में लेने का विरोध किया था। हालांकि बाद में जडेजा ने एक ट्वीट करते हुए उन्हें कड़ा जवाब दिया था। जडेजा ने ट्वीट में लिखा था, ‘‘मैं आपसे दोगुने मैच खेल चुका हूं और अब भी खेल रहा हूं। दूसरे लोगों ने जो हासिल किया है उसका सम्मान करना सीखिए। मैं आपकी बकवास काफी ज्यादा सुन चुका हूं।’’
भोगले पर किया था कटाक्ष
भोगले के साथ मांजरेकर का विवादभारत और बांग्लादेश के बीच नवंबर में हुए पिंक बॉल टेस्ट मैच के तीसरे दिन सामने आया था। कमेंट्री के दौरान हर्षा ने कहा कि मैच के खत्म होने के बाद इस बारे में चर्चा होना कि सफेद रंग की साइड स्क्रीन के सामने पिंक बॉल की विजिबिलिटी में कोई दिक्कत तो नहीं होती। तब मांजरेकर ने कहा था कि मुझे बिल्कुल नहीं लगता कि गेंद की दृश्यता कोई मुद्दा है, हालांकि गेंद के टेक्सचर पर जरूर बात हो सकती है। इसके बाद हर्षा बोले, ‘‘हमें इस बारे में खिलाड़ियों से पूछना होगा कि वे क्या सोचते हैं।' तब मांजरेकर ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि 'हर्षा केवल आपको ही पूछना होगा... मुझे नहीं, क्योंकि मैंने थोड़ा-बहुत क्रिकेट खेला है।’’
मांजरेकर का क्रिकेटकरियर
54 साल के मांजरेकर ने भारत की ओर से 37 टेस्ट और 74 वनडे मैच खेले हैं। वे पहले भारतीय कमेंटेटर हैं, जिन्हें ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ने साल 1992 में कमेंट्री के लिए बुलाया था।
खेल डेस्क. दक्षिण अफ्रीका अंडर-19 टीम ने भारत को तीसरे यूथ वनडे में सोमवार को 5 विकेट से हरा दिया। हालांकि, टीम इंडिया ने तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीत लिया। भारत ने द. अफ्रीका को पहले वनडे में 9 और दूसरे मुकाबले में 8 विकेट से हराया था। ईस्ट लंदन के बुफैलो पार्क में खेले गए तीसरे मुकाबले में भारत ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट पर 192 रन बनाए थे। इसके जवाब में द. अफ्रीका ने 48.2 ओवर में 5 विकेट पर 193 बनाकर मैच जीत लिया।
टीम इंडिया की ओर से कप्तान प्रियम गर्ग ने 52 और तिलक वर्मा ने 25 रन की पारी खेली। यशस्वी जयसवाल ने 2 विकेट लिए। वहीं, द. अफ्रीका के लिए जोनाथन बिर्ड ने 88 रन की मैच जिताऊ पारी खेली। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। जबकि अचिले क्लोएटे और फेकू मोलेत्साने ने 2-2 विकेट हासिल किए।
टीम इंडिया 19 जनवरी से अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलेगी
भारतीय टीम का पहला मुकाबला 19 जनवरी को श्रीलंका से होगा। टूर्नामेंट 17 जनवरी से शुरू होगा, जिसका फाइनल 9 फरवरी को खेला जाएगा। मौजूदा चैम्पियन भारत का पहला मुकाबला श्रीलंका से 19 जनवरी को होगा। चार बार की विजेता टीम इंडिया की कमान प्रियम गर्ग को सौंपी गई। विकेटकीपर ध्रुव चंद जुरेल उपकप्तान हैं। अंडर-19 का यह 13वां वर्ल्ड कप होगा।
भारतग्रुप-ए औरपाकिस्तान ग्रुप-सी में
इस बार कुल 16 टीमें वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही हैं। इन्हें 4 ग्रुप में बांटा गया है। भारतीय टीम ग्रुप-ए में जबकि पाकिस्तान ग्रुप-सी में है। भारत का दूसरा मुकाबला जापान और तीसरा न्यूजीलैंड से होगा। फरवरी 2018 में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया था। तब टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ थे। फाइनल में मनजोत कालरा ने नाबाद 101 रन की पारी खेली थी।
ईस्ट लंदन कप्तान के अर्धशतक के बावजूद भारत अंडर-19 टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे और अंतिम युवा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारत अंडर -19 टीम ने पहले दोनों मैच जीतकर इस मैच से पहले ही 2-0 से अजेय बढ़त हासिल कर ली थी लेकिन वह क्लीन स्वीप नहीं कर पाई। भारत ने इस तरह से 2-1 से सीरीज जीती। भारत ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर आठ विकेट पर 192 रन बनाए। साउथ अफ्रीकी टीम ने 48.2 ओवर में पांच विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया। भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 42 रन तक उसके तीन विकेट निकल गए। इसके बाद गर्ग (52) और तिलक वर्मा (25) ने चौथे विकेट के लिए 58 रन जोड़े। भारतीय टीम के तिहरे अंक में पहुंचते ही गर्ग पविलियन लौट गए। इसके बाद निचले क्रम के सभी बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे लेकिन वे अपेक्षित तेजी से रन नहीं बना पाए। साउथ अफ्रीका की तरफ से फेकु मोलेतसेन ने 36 रन देकर दो विकेट लिए और दो बल्लेबाजों को रन आउट किया। साउथ अफ्रीका ने इसके बाद जोनाथन बर्ड की 121 गेंदों पर खेली गई 88 रन की नाबाद पारी की मदद से दस गेंद शेष रहते हुए लक्ष्य हासिल कर दिया। उनके अलावा सलामी बल्लेबाज एंड्रयू लोउ ने 31 और जैक लीस के 29 रन का योगदान दिया। भारत की तरफ से यशस्वी जायसवाल ने 41 रन देकर दो विकेट लिए। भारतीय टीम जनवरी में अंडर-19 विश्व कप में भाग लेगी जिसमें उसे ग्रुप ए में रखा गया है। भारत अपना पहला मैच 19 जनवरी को श्रीलंका से खेलेगा। इसके बाद वह 21 जनवरी को जापान और 24 जनवरी को न्यू जीलैंड का सामना करेगा। इससे पहले भारत अंडर-19 टीम अफगानिस्तान (12 जनवरी) और जिम्बाब्वे (14 जनवरी) के खिलाफ अभ्यास मैच खेलेगी।
सेंट जोन्स भारतीय टीम के पूर्व क्षेत्ररक्षण कोच ट्रेवस पेनी को सीमित ओवरों के प्रारूपों के लिए वेस्ट इंडीज का सहायक कोच नियुक्त किया गया है। वॉरविकशर के पूर्व क्रिकेटर पेनी को क्रिकेट वेस्ट इंडीज ने दो साल का अनुबंध सौंपा है। क्रिकेट वेस्ट इंडीज ने बयान में कहा कि 51 वर्षीय पेनी की विशेषज्ञता क्षेत्ररक्षण है और वह सफेद गेंद के प्रारूपों (एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय) में वेस्ट इंडीज की टीमों के साथ काम करेंगे। वह दो जनवरी को वेस्टइंडीज की टीम से जुड़ेंगे। टीम तब आयरलैंड के खिलाफ आगामी घरेलू सीरीज के लिए तैयारियां शुरू करेगी। सात से 19 जनवरी के बीच होने वाले इस दौरे में तीन वनडे और इतने ही टी20 मैच खेले जाएंगे। पेनी ने कहा, ‘मैं कायरन पोलार्ड और फिल सिमन्स की अगुआई वाले क्रिकेटरों और स्टाफ के साथ काम करने का मौका मिलने से उत्साहित हूं। मुझे पिछले कुछ वर्षों में इस टीम के कई सदस्यों के साथ काम करने का मौका मिला है तथा सीपीएल से जुड़ा होने के कारण कैरेबियाई क्षेत्र मेरे लिए ‘घर से बाहर घर’ जैसा है।’ अपने क्रिकेट करियर में वारविकशर की तरफ से 158 प्रथम श्रेणी और 291 लिस्ट ए मैच खेलने वाले पेनी को कोचिंग का अपार अनुभव है। वह कई अंतरराष्ट्रीय टीमों के साथ काम कर चुके हैं जिनमें भारत, श्रीलंका, नीदरलैंड और अमेरिका शामिल हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में वह किंग्स इलेवन पंजाब, डेक्कन चार्जर्स और कोलकाता नाइटराइडर्स के सहायक कोच रह चुके हैं। कैरेबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) में वह सेंट लूसिया और सेंट कीट्स और नेविस के सहायक कोच की भूमिका निभा चुके हैं। हाल में वह बारबाडोस ट्रिंडेंट के कोचिंग स्टाफ के सदस्य थे।
पार्थ भादुड़ी, नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2019 बहुत शानदार रहा। बेशक, हर चीज टीम इंडिया के पक्ष में नहीं गई- किसी के भी नहीं जाती- लेकिन 2019 कुल मिलाकर टेस्ट के मंच पर भारत के प्रभुत्व का साल रहा। टीम ने घरेलू मैदान पर रेकॉर्ड लगातार चार बार पारी के अंतर से जीत हासिल की। यह इतना सामान्य लगने लगा था कि कई बार दर्शकों को भी अजीब लगने लगता। भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाला पहला एशियाई देश बना। टीम का जीत का औसत 87.5 रहा और उसने एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा। इसके बाद अगले नंबर पर ऑस्ट्रेलिया रही जिसने 66.6 प्रतिशत मैच जीते। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में जो निरंतरता नजर आ रही है वह किसी भी खेल टीम का एक सपना हो सकती है। इस कामयाबी ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में भारत को एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। टीम इंडिया इसमें टॉप पर है। गौरतलब है कि कप्तान खुद भी टेस्ट चैंपियनशिप को काफी पसंद करते हैं। पूरे दशक में सभी प्रारूपों में भारत की जीत का औसत 60.82 रहा। टीम ने 462 में से 281 मैच जीते। टीम की कामयाबी का बड़ा श्रेय तेज गेंदबाजों को जाता है। इस साल की कामयाबी बीते पांच साल से बोलिंग यूनिट को नए सिरे से तैयार करने की कोशिश का परिणाम है। इस साल में टेस्ट टीम के चरित्र के एक प्रगति देखी गई। इसकी शुरुआत दशक के मध्य में विराट कोहली द्वारा टेस्ट टीम की कमान संभालने के बाद से हुई थी। टीम इंडिया जो पहले मैच बचाने, सीमित हथियार और शायद नए विचारों की कमी से जूझती नजर आती थी, को धीरे-धीरे बोल्ड फैसले लेने और नतीजे की ओर जाने वाली टीम में बदलती चली गई। एक हैरानी की बात यह रही कि ऐसा नहीं कि पूरी टीम बदल गई हो सिवाय एक केक आने से- लेकिन उन्होंने ही बीते दशक के आखिरी दो साल में भारतीय टीम का रूप बदलने में महती भूमिका निभाई। जनवरी 2018- जब बुमराह ने अपने डेब्यू किया के बाद भारतीय पेसर्स ने 22 टेस्ट मैचों में 20.74 के औसत से 274 विकेट लिए हैं। एक पारी में सबसे ज्यादा बार पांच विकेट (14) भी टीम इंडिया की पेस बैटरी ने ही झटके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया (11) है। जबसे बुमराह ने डेब्यू किया उनका स्ट्राइक रेट (30.4), औसत (13.19), इकॉनमी (2.59) सभी गेंदबाजों से बेहतर रहा है। उनके नाम सबसे ज्यादा टी20 इंटरनैशनल विकेट (42 मैचों में 51) और सर्वश्रेष्ठ इकॉनमी (6.71), वनडे में भी उनका बेस्ट ऐवरेज (21.88) और इकॉनमी (4.49) भी अपने डेब्यू के बाद सभी से बेहतर रही है। दशक का अंत आते-आते बुमराह ने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया। वह अलग हैं, उनके पास वैरायटी है और समय के आगे की क्रिकेटीय सोच है। और इन सबको बैक करने के लिए उनके पास जबर्दस्त पेस है। लेकिन जैसाकि उनके करियर की शुरुआत में ही अंदेशा जताया गया था कि उनका यूनीक ऐक्शन ही उनके लिए परेशानी का सबब बन रहा है। टीम प्रबंधन को शायद बुमराह को काफी संभालकर इस्तेमाल करना होगा। एक अन्य तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी 2019 में दो प्रारूपों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। अपने करियर में उन्होंने दूसरी बार ऐसा किया है। उन्होंने इस साल वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ हैटट्रिक ली। वह वर्ल्ड कप में हैटट्रिक लेने वाले भारत के दूसरे गेंदबाज बने। कोहली की कप्तानी में शमी काफी निखरकर आए हैं। उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 137 विकेट लिए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 46.2 का रहा है। यह इस दौरान सभी तेज गेंदबाजों के मुकाबले सबसे अच्छा है। विदेशों में भी उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और 25.87 के स्ट्राइक रेट से 86 विकेट लिए हैं। इस बीच अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया है। वह टीम में अपनी भूमिका को अब बेहतर समझते हैं। ईशांत की ही तरह उमेश ने भी अपनी लैंथ और पेस पर काफी काम किया है। इन पेसर्स ने टीम इंडिया की बोलिंग अटैक के अगुआ रहे स्पिनर्स और काफी हद तक बल्लेबाजों से फोकस शिफ्ट किया है। 2019 में भारत में खेले गए पांच टेस्ट मैचों में भारतीय पेसर्स ने 59 विकेट लिए जबकि स्पिनर्स को 37 विकेट मिले। पेसर्स का औसत 15.25 का रहा और स्पिनर्स का 28.23 का। स्ट्राइक रेट का अंतर भी काफी हैरानी भरा रहा- स्पिनर्स को जहां हर 60.6 गेंद बाद विकेट मिला वहीं पेसर्स ने एक विकेट के लिए 30.3 गेंद खर्च कीं। बल्लेबाजी की बात करें तो ने हर प्रारूप में धमाल किया। मयंक अग्रवाल ने अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी साउथ अफ्रीका के खिलाफ लगाई और बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा। उनके खेल ने टीम इंडिया को एक लॉन्ग टर्म ओपनर की उम्मीद दी है। विराट कोहली- इस दशक में सभी प्रारूपों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। वहीं टेस्ट में वह ऐलिस्टर कुक और जो रूट के बाद तीसरे नंबर पर रहे। वह तेंडुलकर के रेकॉर्ड के काफी करीब पहुंच गए हैं। आईसीसी टूर्नमेंट में हार-जीत के औसत के लिहाज से भी भारत के लिए साल काफी अच्छा रहा। हालांकि टीम तीन बार सेमीफाइनल और दो बार फाइनल में हारी। टीम को सिर्फ एक आईसीसी ट्रोफी- 2011 वर्ल्ड कप- ही इस दशक में मिली। इस साल मार्टिन गप्टिल के डायरेक्ट थ्रो ने महेंद्र सिंह धोनी की किस्मत को भी बदला। धोनी तेज भागे लेकिन क्रीज तक नहीं पहुंच पाए। और आखिर में निराश मन के साथ मैदान से बाहर गए। उसके बाद से वह क्रिकेट के मैदान पर नहीं दिखे हैं। क्या नहीं हुआ- टीम को वनडे इंटरनैशनल में कोई नंबर चार बल्लेबाज निश्चित रूप से अभी नहीं मिला। वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में जब, टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, दुनिया के टॉप तीन बल्लेबाज प्रदर्शन नहीं कर पाए और इससे कोहली के निराशानजनक 30 मिनट की बात शुरू हुई। और लोढ़ा पैनल के बाद क्या होगा, इस पर अभी पूरी तरह तस्वीर साफ नहीं है। इन सवालों के जवाब भी अगल साल तलाशने होंगे।
खेल डेस्क. गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन से सोमवार को ट्विटर पर एक प्रशंसक आकाश ने पूछा कि आईपीएल 2020 में किस बल्लेबाज को मांकड़िंग रन आउट करेंगे? इस पर अश्विन ने कहा कि जो भी क्रीज पार करेगा, मांकड़िंग आउट होगा। किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए अश्विन ने 25 मार्च 2019 को राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को ऐसे ही आउट किया था। हालांकि, इस पर उनकी आलोचना हुई थी। रन अप के बाद और बॉल फेंके जाने से पहले नॉन स्ट्राइक एंड की क्रीज छोड़ने पर बल्लेबाज को रन आउट करना मांकड़िंग कहलाता है।
7 साल पहले श्रीलंका के खिलाफ हुए एक मैच में भी उन्होंने लाहिरू थिरिमाने को इसी तरह आउट किया था, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने अपील वापस ले ली थी।अश्विन आईपीएल 2020 में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलेंगे।
ऋद्धिमान को 2 बार ऐसे ही आउट करना चाहा
30 अप्रैल को भी अश्विन ने हैदराबाद के बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को दो बार ‘मांकडिंग’ तरीके से आउट करने की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे। तब अंपायर एस. रवि ने अश्विन को समझाइश भी दी थी।
वीनू मांकड़ की वजह से नाम पड़ा ‘मांकड़िंग’
बात 13 दिसंबर 1947 की है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान भारत के वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विल ब्राउन को इसी तरह से आउट किया था। इसके बाद से वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका ‘मांकडिंग’ कहलाया। क्रिकेट में यह नियम लागू तो होता है, लेकिन राय बंटी हुई है। कुछ जानकार और पूर्व खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं तो कुछ का कहना है कि बल्लेबाज को आउट करने का यह तरीका खेल भावना के विपरीत है।
खेल डेस्क. टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए आईसीसी अब 5 की जगह 4 दिन के टेस्ट मैच कराने पर विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) अगले साल इस संबंध में अन्य बोर्ड के अधिकारियों के साथ चर्चा करने जा रही है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले दो साल में 60% टेस्ट के रिजल्ट चार या कम दिन में ही आ गए। 2018 से 2019 के बीच 87 टेस्ट हुए। 52 मैच चार या कम दिन में ही खत्म हो गए। 2023 से टेस्ट चैंपियनशिप से इसे लागू किया जा सकता है। लेकिन सभी देशों के राजी होने की संभावना कम है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हम प्रपोजल देखकर ही कोई फैसला लेंगे।
हर देश में टी20 लीग के कारण भी टेस्ट के दिन में कटौती की बात चल रही है। 2015 से 2023 के कैलेंडर को देखें तो अगर पांच की जगह चार दिन के टेस्ट होते तो 335 दिन बच जाते, जो काफी महत्वपूर्ण है। इससे टेस्ट सीरीज की संख्या भी बढ़ जाती। चार दिन के टेस्ट से विभिन्न देश के बोर्ड और ब्रॉडकास्टर के रेवेन्यू में भी काफी बढ़ोतरी होगी। पिछले दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की सीरीज 20 दिन में खेली गई। अगर टेस्ट चार दिन के होते तो पांच मैच हो जाते।
हर दिन खेल आधे घंटे बढ़ेगा, सिर्फ 58 ओवर का ही खेल कम होगा
चार दिवसीय टेस्ट के मुकाबले गुरुवार से रविवार के बीच आयोजित करने की तैयारी है। वीकेंड में फैंस बड़ी संख्या में मैच देखने आ सकेंगे। गोल्फ के अलावा कई अन्य खेलों के मेजर टूर्नामेंट इसी दिन होते हैं। नियम के अनुसार हर दिन 90 की जगह 98 ओवर का खेल होगा। हर दिन छह की जगह साढ़े छह घंटे का खेल होगा। यानी चार दिन के टेस्ट से सिर्फ 58 ओवर का खेल कम होगा और पूरा एक दिन बचेगा।
हर मैदान में फ्लड लाइट जरूरी की जाएंगी, जिससे देर तक चल सकें मैच
हर दिन आधे घंटे का खेल बढ़ने से मैच का शेड्यूल बदला जाएगा। ऐसे में मैच देर शाम तक चलेगा। ऐसे में आईसीसी मैच के लिए फ्लड लाइट का होना अनिवार्य कर सकती है। ताकि लाइट में बचे ओवर फेंके जा सके। अभी टेस्ट में रेड बॉल से फ्लड लाइट में खेलने के लिए दोनों टीमों की सहमति जरूरी होती है।
सबसे लंबा टेस्ट 12 दिन तक चला था
टेस्ट इतिहास का सबसे लंबा मैच 1939 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में खेला गया था। उस समय मैच तब तक चलते थे, जब तक रिजल्ट नहीं आ आता था। 3 मार्च को शुरू हुआ टेस्ट 14 मार्च तक चला था। दो दिन रेस्ट था। बारिश के कारण एक दिन का खेल नहीं हो सका था। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 530 जबकि दूसरी पारी में 481 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे। दूसरी पारी में टीम ने 5 विकेट पर 654 रन बनाए थे। मैच एक दिन और नहीं बढ़ाया गया क्योंकि इंग्लैंड की टीम देश लौटने के लिए बोट नहीं पकड़ पाती।
ऑस्ट्रेलिया 4 दिन के पक्ष में, अगले साल से शुरुआत
क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के सीईओ केविन रॉबर्टसन ने कहा, 'चार दिनों के टेस्ट को लेकर हमें गंभीरता से विचार करना होगा। हमें पिछले पांच से 10 साल के अंतराल में टेस्ट मैच के रिकॉर्ड को देखना होगा। उन्होंने कहा, 'हमें इस बात पर गौर करना होगा, जो भविष्य के लिए जरूरी है। हम 12 से 18 महीने में कोई फैसला करेंगे और यह 2023 से 2031 के कैलेंडर में शामिल होगा। हम आईसीसी सदस्यों के साथ बात कर रहे हैं। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।' 2020 में ऑस्ट्रेलिया घर में अफगानिस्तान से 4 दिन का टेस्ट खेलेगा। इंटरनेशनल प्लेयर्स फेडरेशन फिका के हेड टोनी आयरिश ने कहा, 'चार दिन के टेस्ट के दो मायने हैं। यह कैलेंडर और कार्यक्रम से दबाव को कम करेगा। लेकिन जो समय बचेगा उसमें नए टूर्नामेंट को शामिल किया जाएगा। ऐसे में नए कैलेंडर को सरल होना चाहिए।'
2017 में 48 फीसदी मैच 4 दिन में खत्म हुए
2017 की बात करें तो 46 में से 22 मैच चार या कम दिन में खत्म हो गए। यानी 48 फीसदी। 2018 में 56 फीसदी जबकि 2019 में करीब 64 फीसदी टेस्ट 4 दिन में खत्म हो गए। इस कारण भी टेस्ट मैच के दिन कम किए जाने की बात चल रही है। भारतीय टीम ने घर में 2018 से अब तक 8 टेस्ट घर में खेले हैं। इनमें से सिर्फ एक टेस्ट 5वें दिन तक चला। अन्य 7 टेस्ट चार या उससे कम दिन में खत्म हो गए। द. अफ्रीका में 12 में से 11 मैच चार दिन में खत्म हुए। श्रीलंका में 7 में से 6, विंडीज में 9 में से 7 टेस्ट 4 दिन में पूरे हुए।
1980-99 के बीच सिर्फ 28% मैच 4 दिन चले
1980 से 1999 के बीच खेले गए 613 टेस्ट की बात करें तो सिर्फ 169 मैच चार या कम दिन में खत्म हुए। यानी सिर्फ 28%। वहीं, 2000 से 2019 के बीच आंकड़े देखें तो 897 मैच में से 392 मैच चार या कम दिन में खत्म हुए। 44 फीसदी। 2005 से टी20 के शुरू होने के बाद बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट बढ़ा है। इस कारण तेजी से रन तो बने लेकिन विकेट भी गिरे। 1980-99 के बीच टीम का औसत स्ट्राइक रेट 42 था। यानी 100 गेंद पर 42 रन बनने थे। 2000-19 के बीच स्ट्राइक रेट 51 हो गया।
रोमांच बढ़ाने 2015 से डे-नाइट टेस्ट शुरू हुए
टेस्ट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी ने पहले भी कई बदलाव किए हैं। 2015 में डे-नाइट टेस्ट की शुरुआत हुई। डे-नाइट टेस्ट पिंक बॉल से खेला जाता है। टीम इंडिया ने इस साल नवंबर में पहली बार डे-नाइट टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ खेला। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 7 टेस्ट खेले हैं और सभी में उसे जीत मिली है। अब तक 10 टीमों ने डे-नाइट टेस्ट खेले हैं। 7 को जीत मिली है। विंडीज, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ने एक भी मैच नहीं जीता है। टेस्ट की जर्सी भी बदली गई है। जर्सी पर अब नाम लिखा होता है।
खेल डेस्क. ऑस्ट्रेलिया की सिडनी-होबार्ट यॉट रेस बॉक्सिंग डे पर शुरू हुई। इसे दुनिया की सबसे कठिन यॉट रेस में से एक माना जाता है। 1170 किमी की इस रेस में ऑस्ट्रेलिया की यॉट इची बेन ओवरऑल चैम्पियन बनी। इची बेन यॉट ने दूसरी बार टेटरसेल कप जीता। टीम हेंडीकेप विनर भी बनी। हेंडीकेप यानी सेलिंग कैटेगरी में टीम ने रेस जीती।
इची बेन यॉट ने रेस दो दिन 6 घंटे 18.05 मिनट में पूरी की। ऑस्ट्रेलिया की कोमांचे यॉट ने लाइन ऑनर्स कैटेगरी में तीसरी बार टाइटल जीता। इस यॉट ने एक दिन 18 घंटे 30.24 मिनट में रेस पूरी की। लाइन ऑनर्स कैटेगरी का मतलबकिसी यॉट रेस में जो यॉट सबसे पहले फिनिश लाइन क्रॉस करती है, वह जीत जाती है।
सिडनी-होबार्ट यॉट रेस का दायरा 1170 किमी
रेस दो दिन 6 घंटे 18.05 मिनट में पूरी हुई
कोमांचे यॉट ने एक दिन 18 घंटे 30.24 मिनट में रेस पूरी की