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केपटाउन: टेंबा बावुमा के लिए अपनी कप्तानी के शुरुआती दिनों में ड्रेसिंग रूम के माहौल को सही बनाये रखना ‘सबसे बड़ी चुनौती’ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट एक के बाद एक मैदान के बाहर के कई विवादों से गुजर रहा है। प्रशासनिक संकट से गुजर रहे दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के लिए भारत पर सीरीज में जीत बेहद जरूरी थी। भारतीय टीम का दौरा शुरू होने से पहले मुख्य कोच मार्क बाउचर समेत कुछ बड़े नामों पर नस्लवाद के आरोप लगाए गए हैं। एकदिवसीय मैचों में भारत का सफाया करने के बाद मीडिया से बात करते हुए बावुमा ने कहा कि कप्तान के रूप में उनके लिए अभी भी शुरुआती दिन हैं। उन्होंने पिछले साल मार्च में कार्यभार संभाला था। 'मेरे लिए क्रिकेट पर ध्यान रखना सबसे बड़ी बात रही' बावुमा ने शनिवार को कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह आसान है (टीम की कप्तानी करना)। इसमें आपको कई चीजें प्रबंधित करने की जरूरत होती है। मेरे लिए क्रिकेट पर पूरा ध्यान रखना सबसे बड़ी बात रही। टीम और संगठन (बोर्ड) को लेकर बहुत सारी बातचीत हो रही थी। इसलिए ड्रेसिंग रूम के आसपास हो रही बातचीत का प्रबंधन करना और यह सुनिश्चित करना कि हम शत प्रतिशत ऊर्जा के साथ मैदान पर उतरे जरूरी था। मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती यही थी।' ‘सामाजिक न्याय और राष्ट्र निर्माण’ की रिपोर्ट में टीम के कोच और पूर्व क्रिकेटर बाउचर पर नस्लवाद का आरोप लगाए जाने से दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट विवादों में घिर गया है। 'शतक बहुत मायने रखता है' सीरीज के शुरुआती मैच में शतक बनाने और शानदार तरीके से टीम का नेतृत्व करने वाले बावुमा ने कहा, 'यह (शतक) खिलाड़ी के रूप में बहुत मायने रखता है। यह जानकर और अच्छा लगता है कि मैंने टीम की जीत में योगदान दिया है।' बकौल बावुमा, 'आपको हमेशा आपके रिकॉर्ड के आधार पर आंका जाएगा और इस भारतीय टीम को बड़े अंतर से हराना मेरी कप्तानी के लिए बहुत कुछ साबित करता है।'
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