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नई दिल्ली: यूं ही नहीं कहते हैं, जिद और हौसेले से कोई भी जंग जीती जा सकती है। कुछ ऐसा ही ऑस्ट्रेलियाई टेनिस स्टार के साथ हुआ। इस टेनिस स्टार को छोटे से अपने करियर में कई ऐसे झटके लगे, जिसकी वजह से उनका सपना चूर-चूर होता नजर आया। पहले बैक में स्ट्रेस फ्रैक्चर ने गेम से दूर किया। आर्थिक स्थिति खराब हुई तो कपड़े की दुकान पर नौकरी करके वापसी की। तभी घुटने की चोट ने उनके करियर को फिर से 'घुटने' (बैकफुट) पर ला दिया। यहां उन्हें वापसी के लिए सिडनी पोर्ट पर नाव की सफाई का काम भी करना पड़ा। अब आप सोच रहे हैं कि यह सारी बातें अभी क्यों बताई जा रही है? दरअसल, क्रिस्टोफर ओकोनेल ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में न केवल वापसी की, बल्कि दूसरे दौर में भी जगह बनाई। जीत भी ऐसी कि हर कोई चर्चा करता दिखा। दुनिया के 13वें नंबर के टेनिस खिलाड़ी डिएगो स्वेर्जमैन को सिंगल्स के दूसरे राउंड के एक मैच में एकतरफा हराते हुए तहलका मचा दिया। उन्होंने अर्जेंटीनी स्टार पर 7-6 (6), 6-4, 6-4 से शानदार जीत दर्ज की। हालांकि, उन्हें तीसरे राउंड में अमेरिका के मैक्सिम क्रेसी से हार मिली, लेकिन यह हार उनके स्ट्रगल की शानदार कहानी को नहीं झुठला सकती है। 2011 में टेनिस करियर का आगाज क्रिस्टोफर को क्यों सुपरस्टार कहा जा रहा है, यह जानने के लिए बैकग्राउंड के उन किस्सों को टटोलने की जरूरत है। सिडनी के बीचेज के किनारे पले-बढ़े ओकोनेल ने टेनिस करियर की शुरुआत 2011 में की। कुछ ही समय में उन्होंने अपने खेल का डंका बजाना शुरू कर दिया। उन्होंने डोमेस्टिक सर्किट के बड़े खिलाड़ी रॉबर्ट हवे को हराते हुए सभी को हैरान कर दिया। बैक में स्ट्रेस फ्रैक्चर और निमोनिया ने दिया झटका 2016 में उन्होंने यूरोप में 4 बड़े टूर्नामेंट जीतते हुए अपनी रैंक 237 कर ली। 2017 में उन्हें ऑस्ट्रेलियन ओपन के मुख्य ड्रॉ में एंट्री हुई। हालांकि, यहां वह बहुत कुछ नहीं हासिल कर सके। इस दौरान उन्हें निमोनिया हो गया। वह लंबे समय तक खेल से बाहर रहे। 17 वर्ष की उम्र में उनके बैक में स्ट्रेस फ्रैक्चर आ गया। इससे वह लगभग दो वर्ष तक खेल से बाहर रहे। इस बारे में वह कहते हैं कि लगभग दो वर्ष तक खेल से बाहर रहे। पीठ में दर्द ऐसा था कि टेनिस रैकेट भी नहीं उठा पा रहे थे। नाव साफ करने की नौकरी की खेल में वापसी करने के लिए वह एक कपड़े की दुकान पर नौकरी करने लगे। इसकी एक और वजह थी कि वह माता-पिता पर बोझ नहीं बनना चाहते थे, जो उन्हें लगातार सपोर्ट करते आ रहे थे। यहां टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने भी उनका साथ नहीं दिया। खैर, वह हारे नहीं। उन्होंने वापसी की। 2018 में एक बार फिर वह चोटिल हो गए। घुटने में चोट से उबरने में लगभग एक वर्ष लग गए। इस दौरान वह सिडनी पोर्ट पर नाव साफ करने लगे, जिससे मिले पैसे उन्होंने फिर वापसी की। अब ऑस्ट्रेलियन ओपन में मचाया धमाल उनकी मेहनत और जिद का ही नतीजा है कि वह ऑस्ट्रेलियन ओपन के सिंगल्स और डबल्स के लिए क्वॉलिफाइ कर सके। हालांकि, ऑस्ट्रेलियन ओपन-2022 में उनका सिंगल्स में भले ही सफर समाप्त हो गया है, लेकिन वह मेंस डबल्स के तीसरे दौर में पहुंच गए हैं। उनकी और कुबलर की जोड़ी ने विड्रॉ और लेमॉन्स की जोड़ी को 7-6 (7-1), 5-4, 6-2 से हराया। यह उनका ग्रैंड स्लैम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उम्मीद है कि उनका यह प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
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