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दुबई (KKR) के बल्लेबाज ने अपने क्रिकेट सफर की कहानी साझा की है। गुरुवार को उन्होंने बताया कि अगर कुछ साल पहले खेल उनके जीवन में नहीं आया होता तो वह आज 'सड़कों पर पानीपूरी बेच रहे होते।' 34 वर्षीय दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बताया कि कैसे 2011 में घरेलू क्रिकेट में निराशा के बाद उन्होंने अपने सपनों को छोड़ने का फैसला कर लिया था। उन्होंने बैंक में नौकरी करने का इरादा कर लिया था लेकिन तब उनके एक दोस्त ने खेल को एक साल और देने को कहा था। उनके दोस्त का कहना था कि जिस खेल को उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दी है उसे एक और साल देना चाहिए। केकेआर के साथ एक वीडियो चर्चा में जैकसन ने कहा, 'मैं 25 साल का था और मैंने क्रिकेट पूरी तरह छोड़ने का फैसला किया था। मैं पांच साल से रणजी ट्रोफी टीम में था लेकिन मुझे कोई मैच खेलने को नहीं मिला था। तब मेरे एक बहुत, बहुत करीबी दोस्त, जिनका नाम शाहपथ शाह ने कहा, 'तुमने इतने साल कड़ी मेहनत की है, अपने आप को एक साल और दो। एक साल और इंतजार करो। अगर कुछ न हो तो तुम मेरी फैक्टरी में आकर काम करो। मैं तुम्हें नौकरी दूंगा लेकिन तुम खुद को एक साल और दो।'' वह एक अतिरिक्त साल शेल्डन जैकसन के करियर में बड़ा बदलाव लेकर आया। उन्होंने इसके बाद कई रेकॉर्ड्स बनाए और अपनी एक छवि बनाई। उन्होंने कहा, 'उस एक साल में मैंने देश के कई रेकॉर्ड तोड़े। मैं सबसे ज्यादा रन बनाने वाला बल्लेबाज बना। मैं घरेलू क्रिकेट की हर टीम के लिए खेला। हां, भारत के लिए खेलने का मौका मुझे नहीं मिला। मैंने उस साल चार सेंचुरी लगाईं। तीन शतक तो लगातार लगाए... उसके बाद मेरा करियर आगे बढ़ने लगा। उस समय मुझे अहसास हुआ कि अगर मुझे जिंदगी में कुछ करना है तो वह यही है। क्योंकि इसके अलावा मुझे और आता भी नहीं। मैंने अपनी जिंदगी में किसी अन्य चीज पर ध्यान ही नहीं दिया था। और अगर क्रिकेट मुझ पर मेहरबान नहीं हुआ तो, मैं सड़क पर पानीपूरी बेच रहा होता।' सौराष्ट्र के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद जैकसन घरेलू क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। 50 से जरा से कम औसत से उन्होंने 5 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। वहीं टी20 में जनवरी में उन्होंने आंध्र प्रदेश के खिलाफ 50 गेंद पर 106 रन बनाए थे।
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