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तोक्यो इस साल पैरालिंपिक में पहली बार खेले जा रहे बैडमिंटन में प्रमोद भगत ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को उन्होंने फाइनल में एकतरफा अंदाज में हराया। 21-14 से पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में ब्रिटिश शटलर ने वापसी की, लेकिन 4-11 से पिछड़ने के बाद प्रमोद ने पलटवार किया और 21-17 से मैच अपने नाम कर लिया। यह भारत का तोक्यो पैरालिंपिक खेलों में दिन का का दूसरा और कुल चौथा गोल्ड था। पोलियोग्रसित है प्रमोद भगत का पैर दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैंपियन 33 वर्षीय प्रमोद भगत ने एसएल3 क्लास में जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21-11, 21-16 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था। प्रमोद ने विश्व चैंपियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक रजत और एक कांस्य जीता। मनोज सरकार ने जीता ब्रॉन्ज जिस वक्त प्रमोद भगत गोल्ड मेडल के लिए भिड़ रहे थे, उसी दौरान उनके बाईं ओर दूसरे कोर्ट में मनोज भी अपना जादू बिखेर रहे थे। बैडमिंटन SL3 इवेंट में जापानी शटलर को हार का मुंह देखना पड़ा। इस तरह भारत के नाम अब कुल 17 मेडल हो गए हैं। चार गोल्ड, सात सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। पीएम मोदी ने भी दी बधाई देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने प्रमोद भगत की उस उपलब्धि पर तुरंत ट्वीट कर बधाई दी। पीएम ने प्रमोद को चैंपियन बताया साथ ही कहा कि उन्होंने गोल्ड मेडल नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का दिल भी जीता है। इससे पहले आज सुबह निशानेबाज मनीष नरवाल ने पैरालिंपिक रेकॉर्ड के साथ भारत की झोली में तीसरा स्वर्ण पदक डाला था जबकि सिंहराज अडाना ने रजत पदक जीता।
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