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तोक्यो भारत के ने तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रच दिया। भारत के इस 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी ने ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। ऐथलेटिक्स में यह भारत का पहला मेडल भी है। नीरज ने शुरुआत ही शानदार की और कोई दूसरा भालाफेंक खिलाड़ी उन्हें पकड़ नहीं पाया। नीरज चोपड़ा ने फाइनल की शुरुआत 87.03 मीटर के थ्रो से की। इसी से पता चल गया कि उनके इरादे क्या हैं। नीरज ने क्वॉलिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर भाला फेंका था। उन्होंने वहां भी एक ही बार भाला फेंककर क्वॉलिफाइ कर लिया था। कोई भी उनके इस पहले थ्रो के आसपास तक नहीं पहुंच पाया। इसके बाद उन्होंने अपने थ्रो को बेहतर किया और 87.58 मीटर का भाला फेंका। और यह उनके गोल्ड मेडल पर मुहर लगाने के लिए काफी था। कोई अन्य ऐथलीट इसे छू नहीं पाया। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाए जबकि चौथे और पांचवें प्रयास में फाउल कर गए। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया। जर्मनी ने वेटर जो इस इवेंट को जीतने के फेवरिट माने जा रहे थे वह आखिरी 8 में भी जगह नहीं बना पाए। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 82.52 मीटर का रहा। चेक रिपब्लिक याकून वेदलेच और वितेजस्लाव वेसेले ने क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। नीरज के इस पदक के साथ ही भारत का ट्रैक ऐंड फील्ड में मेडल का सपना पूरा हो गया। ऐथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इसके साथ ही अभिनव बिंद्रा के अलावा ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाले गोल्ड हैं।
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