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तोक्योभारतीय मुक्केबाज पूजा रानी (75 किग्रा) ने बुधवार को यहां ओलिंपिक खेलों में पदार्पण करते हुए शुरुआती मुकाबले में अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से पराजित कर क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश किया। तीस साल की भारतीय ने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाए रखा। दो बार की एशियाई चैम्पियन दाहिने हाथ के सीधे दमदार मुक्कों से नियंत्रण बनाए हुए थीं और उन्हें चाएब के रिंग में संतुलन की कमी का भी काफी फायदा मिला। तीनों राउंड में रानी का दबदबा रहा जबकि चाएब भी अपना पहला ओलिंपिक खेल रही थीं लेकिन वह मुक्के सही जगह नहीं जड़ पा रही थीं। रानी ने विपक्षी से दूरी बनाकर चतुराई भरा प्रदर्शन किया। रानी ने पूरी बाउट के दौरान जवाबी हमले किए जबकि चाएब भी दमदार मुक्के लगाने का प्रयास कर रही थीं लेकिन वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे। रानी का ओलिंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। वह कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था। वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं। उनके पिता पुलिस अधिकारी हैं जो उन्हें इस खेल में नहीं आने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी आक्रामक लोगों के लिए ही है। उन्होंने कहा था, ‘मार लग जाएगी। मेरे पिता ने यही कहा था। उन्होंने कहा था कि यह खेल मेरे लिए नहीं है क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी केवल आक्रामक (गुस्सैल) लोग ही करते हैं।’
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