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मुंबईक्रिकेट के खेल में सिर्फ 11 खिलाड़ी ही मैदान पर उतर सकते हैं। प्रारूप कोई भी हो चार खिलाड़ी बैंच पर ही रहते हैं। किसी भी समय पर छह से आठ खिलाड़ी हमेशा टीम में जगह बनाने का प्रयास करते रहते हैं। किसी भी टीम प्रबंधन और सिलेक्शन कमिटी के लिए यह बहुत अच्छी होती है। अच्छी प्रतिस्पर्धा किसी भी मजबूत टीम के लिए बहुत जरूरी होती है। पिछले करीब 22 महीनों से टीम इसी परिस्थिति से गुजर रही है। और यह अच्छा संकेत है। भारत की समस्या अब बहुत ज्यादा खिलाड़ियों में से चुनना है। उदाहरण के लिए ऋषभ पंत को ही लें। इस समय वह क्रिकेट जगत के फेवरिट हैं। उनका हालिया प्रदर्शन लाजवाब रहा है। लेकिन ईशान किशन भी टीम में जगह बनाने के करीब पहुंच चुके हैं। संजू सैमसन को भले ही मौके न मिल रहे हों लेकिन एक और अच्छा सीजन और वह फिर दावेदारों में शामिल हो जाएंगे। दिनेश कार्तिक और ऋद्धिमान साहा पुराने खिलाड़ियों में शामिल हैं वहीं एस. भगत और एन. जगदीशन भी लगातार अपना दावा मजबूत करने में जुटे हैं। तो इतना अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी पंत के लिए काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा है। मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है, 'यह अच्छा सिरदर्द है।' एक और उदाहरण रविंद्र जडेजा का है। वह टीम से उंगली में चोट के चलते बाहर हुए और अक्षर पटेल व वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को मौका मिला। शास्त्री ने कहा, 'अक्षर को काफी अनुभव है। वह काफी साल से खेल रहे हैं। वह कई साल से टीम के साथ हैं। वह चोट के कारण टीम से बाहर रहे। अब जडेजा को चोट लगी तो अक्षर को मौका मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया।' तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह शादी कर रहे हैं और इस वजह से उन्होंने ब्रेक लिया हुआ है। वह भी जल्द ही वापसी करेंगे। मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार भी रिकवर कर रहे हैं। उमेश यादव 15 में रहे लेकिन अंतिम 11 में जगह नहीं बना पाए। नवदीप सैनी ने फिटनेस बढ़ा ली है। टी. नटराजन से काफी उम्मीदें हैं और शार्दुल ठाकुर भी करीब ही हैं। इसके अलावा बासिल थंपी, शिवम मावी, खलील अहमद, प्रसिद्ध कृष्णा और कई अन्य भी काफी करीब हैं। ईशांत शर्मा और मोहम्मद सिराज के लिए काफी कंपनी है। शास्त्री ने कहा, 'आपने पहले कभी नहीं सोचा होगा कि इतने खिलाड़ी टीम के लिए खेल सकते हैं जितने पिछले छह महीने में खेल गए हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में हुए हालिया बबल से यह सबसे सकारात्मक बात निकलकर सामने आई है। इस कोरोना के चलते भारत को बड़े दल से साथ सफर करना पड़ा है।' शास्त्री ने आगे कहा, 'आमतौर पर हम 17-18 खिलाड़ियों के साथ सफर करते हैं। लेकिन इस बबल और ऑस्ट्रेलिया में क्वॉरनटीन के चलते हमें 25-30 खिलाड़ियों बल्कि ज्यादा के साथ सफर करना पड़ा। तो नतीजा यह रहा है कि आपको अपने बेस्ट चुनने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। हमें किस्मत के कारण सभी 30 के साथ खेलना पड़ा। ताकि हमें पता चल सके कि कौन बेहतर है और कौन नहीं। और यह बहुत अच्छे रहा है।' बड़े पूल के कारण ही भारतीय टीम नटराजन और सुंदर को टेस्ट टीम में मौका दे सकी। ऐसा पहले संभव नहीं हो पाता। शास्त्री ने कहा, 'ऐसा आप पहले नहीं सोच सकते थे लेकिन ऐसे हालात पैदा हो गए। मुझे खुशी है कि युवाओं ने मौकों को दोनों हाथों से लपका है।' उन्होंने आगे कहा, 'ऐसा भी वक्त आ सकता है कि भारतीय टीम दो प्लेइंग इलेवन के साथ मैदानों पर उतरी हो।'
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