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नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2021 में वक्त की पाबंदी को लेकर काफी सख्त होने जा रहा है। नई प्लेइंग कंडीशन, जो फ्रैंचाइजी के साथ साझा की गई हैं, में बीसीसीआई ने साफ किया है कि 20वां ओवर 90 मिनट में खत्म हो जाना चाहिए। पहले 20वां ओवर 90वें मिनट में शुरू होना जरूरी था। टीमों को भेजे गए मेल, जिसकी कॉपी हमारे सहयोगी क्रिकबज के पास भी है, में बीसीसीआई ने कहा है, 'मैच की टाइमिंग को नियंत्रित करने के लिए हर पारी का 20वां ओवर 90 मिनट में समाप्त होना चाहिए पहले 20वां ओवर 90वें मिनट में शुरू होना चाहिए था।' इस पॉइंट को स्पष्ट करते हुए बीसीसीआई ने कहा, 'आईपीएल मैचों में हर घंटे में औसतन 14.11 ओवर फेंकने होंगे (इसमें टाइम-आउट शामिल नहीं होगा)। बिना किसी रुकावट के होने वाले मैच की एक पारी 90 मिनट में खत्म होनी चाहिए (यानी 85 मिनट खेल के और 5 मिनट टाइम-आउट के लिए) देरी या रुकावट वाले मैचों, जहां निर्धारित समय में 20 ओवर न हो पाएं इसमें हर ओवर के लिए 4 मिनट 15 सेकंड अतिरिक्त हो सकते हैं।' बीसीसीआई ने टाइमिंग को लेकर एक कदम और आगे बढ़कर चौथे अंपायर को अधिक ताकत दी है। यह चौथे अंपायर की जिम्मेदारी होगी कि अगर बल्लेबाजी वाली टीम जानबूझकर वक्त बर्बाद करे तो वह उन्हें चेतावनी दे। चौथे अंपायर को यह अधिकार दिया गया है कि अगर बल्लेबाजी टीम की वजह से गेंदबाजी करने वाली टीम निर्धारित समय में 20 ओवर ने फेंक पाए तो बल्लेबाजी करने वाली टीम के समय में कटौती की जाए। चौथे अंपायर की जिम्मेदारी होगी कि बल्लेबाजी करने वाली टीम का कप्तान (अगर वह क्रीज पर नहीं है तो) और टीम मैनेजर, दोनों को इन चेतावनियों के बारे में पता हो।
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