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नई दिल्लीभारतीय टीम ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 10 विकेट से हरा दिया। यह मुकाबला दो दिन ही चल पाया जिसके बाद पिच को लेकर बहस शुरू हो गई। इस बारे में दिग्गज क्रिकेटर ने कहा कि पिच पर जरूर टर्न और बाउंस मिल रहा था लेकिन टेस्ट बल्लेबाज को इस तरह की गेंदबाजी का सामना करना आना चाहिए। गावसकर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि अहमदाबाद में बल्लेबाज खुद अपने विकेट के लिए जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा, 'यह ऐसी पिच नहीं थी, जहां गेंद लगातार खराब व्यवहार कर रही थी। कुछ भी ऐसा नहीं था जो खतरनाक लगे। ना ही कोई बड़ा बाउंस नजर आया। यहां उछाल था लेकिन स्पिन भी मिल रहा था। मेरा मानना है कि टेस्ट मैच खेलने वाले बल्लेबाजों को टर्न या स्पिन को संभालने में सक्षम होना चाहिए।' पढ़ें, उन्होंने आगे कहा, 'चुनौतीपूर्ण था इतना ज्यादा भी नहीं। अगर आप बल्लेबाजों को देखें, तो उन्होंने अपने विकेट खुद गंवाए। पिच से ज्यादा यह उस मानसिकता के बारे में था, जो उन्हें नीचे गिरा रहा था। रोहित शर्मा ने दोनों पारियों में बल्लेबाजी करते हुए दिखाया कि आप इस पिच पर भी रन बना सकते हैं।' बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल और अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के दम पर भारत ने इंग्लैंड को तीसरे टेस्ट मैच में 10 विकेट से हरा दिया। यह मैच केवल 2 दिन तक चला और केवल 842 गेंद फेंकी गईं। गावसकर ने कहा, 'गेंद की लाइन ना समझ पाना एक बड़ा कारण रहा। चाहे वह लाल या गुलाबी (गेंद) हो, चाहे गेंद तेजी से आए या धीमी हो, आप अब भी एलबीडब्ल्यू आउट हो सकते हैं और अगर आप गलत लाइन पर खेल रहे हैं तो बोल्ड भी हो सकते हैं।' पढ़ें, 71 वर्षीय इस दिग्गज ने आगे कहा, 'सबसे निराशाजनक बात यह थी कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों की बॉडी लैंग्वेडज भी ठीक नहीं लगी। वहीं, कुछ भारतीय खिलाड़ी इसके विपरीत दिखे। जब रोहित शर्मा बल्लेबाजी करने आए तो ऐसा लगा कि जैसे वह अपनी पत्नी और बेटी को समुद्र तट पर ले जा रहे हैं। अच्छा और सुकून भरा खेल दिखाया। इसी तरह, विराट कोहली एक टॉप पुलिस अफसर की तरह उतरे जिसने किसी आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश करनी है।' करियर में 125 टेस्ट और 108 वनडे खेलने वाले गावसकर ने कहा, 'दूसरी ओर इंग्लैंड के बल्लेबाज जब उतरे तो ऐसा लगा जैसे वे किसी कुकी जार में अपने हाथों कुछ निकालते पकड़े गए। इसके अपवाद उनके कप्तान जो रूट थे, जो 2012 में बल्लेबाजी करने आए थे, जब उन्होंने अपना डेब्यू किया था।'
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