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नई दिल्ली मोंटी पनेसर को याद करेंगे तो सचिन तेंडुलकर का विकेट याद आएगा। सचिन तेंडुलकर बाएं हाथ के इस फिरकी गेंदबाज का पहला टेस्ट विकेट थे। पनेसर उन दिनों भारत में बड़ी सेलिब्रेटी बन गए थे। लेकिन इंग्लैंड का यह पूर्व स्पिनर भारत में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं। वह भारत सरकार पर किसान विरोधी और कॉरपोरेट के हित साधने का आरोप लगा रहे हैं। पनेसर ट्विटर पर लगातार इन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कई ट्वीट कर किसान आंदोलन का समर्थन किया है और कहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों के जरिए बड़े-बड़े कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने इस सीरीज में पहला ट्वीट किया- 'कई लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर भारत में किसान क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं आपको समझाने का प्रयास करता हूं। जिन्हें नहीं पता उनके लिए मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं।' 'अडानी, अंबानी और अन्य कॉरपोरेट की नजरें भारत के विशाल अनाज बाजार पर हैं।' पनेसर का ट्वीट- 'समस्या-1- राज्यों का किसानों से अनाज खरीदने के अपने-अपने अलग कानून हैं। कॉरपोरेट्स के लिए कई कानूनों और टैक्स के साथ इतने को संभालना मुश्किल था। मोदी का हल- राज्यों से नियंत्रण लेकर पूरे देश के लिए एक कानून बना देना। कॉरपोरेट अब खुश हैं।' पनेसर का अगला ट्वीट- ' समस्या नंबर-2 कॉरपोरेट फसल खरीदेंगे और उसे स्टोर करेंगे। लेकिन आवश्यक वस्तु अधिनियम उन्हें अनाज को लंबे समय तक स्टोर करने से रोकेगा क्योंकि इससे कीमतें बढ़ सकती हैं। मोदी का हल- अनाज आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत नहीं आएगा और इसे लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकेगा।' 'समस्या- 3- यह तय करना मुश्किल है कि किसान क्या फसल उगाएंगे। मोदी का हल- किसानों के लिए कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग होगी जिसमें कॉरपोरेट किसानों को बताएंगे कि क्या और किस तरह की फसल उगाई जाए। कॉरपोरेट फिर खुश हैं।' 'समस्या 4- अगर किसानों के साथ कुछ गलत होगा तो कॉरपोरेट कोर्ट केस का सामना कैसे करेंगे। मोदी का हल- किसान अदालत नहीं जा सकते। वे SDM या DC के पास जाएंगे। कॉरपोरेट एक बार फिर खुश हैं क्योंकि वे उन्हें रिश्वत दे सकते हैं।' उन्होंने आगे लिखा, 'और वे लोग कहते हैं कि बिल किसानों के पक्ष में है।' पनेसर ने पहले भी इस तरह के ट्वीट किए हैं। उन्होंने यूके में हो रहे प्रदर्शनों का वीडियो भी पोस्ट किया था। इतना ही नहीं वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर भी निशाना साध रहे हैं। पनेसर का कहना है जॉनसन ट्रेड डील की वजह से मोदी सरकार का विरोध नहीं करेंगे।
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