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नई दिल्ली इनके हाथ से निकली गेंद की दो ही मंजिल होती थीं- विकेट या फिर बल्लेबाज का पैर। गेंद जब हवा में स्विंग होती तो बल्लेबाज के पास दो ही विकल्प होते थे या तो अपना पंजा बचाए या फिर स्टंप्स। दोनों ही सूरतों में आउट होना तय होता। गेंद ऑफ स्टंप के बाहर से स्विंग होना शुरू होती और लेग व मिडल स्टंप की ओर तेजी से घूमती। आज यॉर्कर के इस बादशाह का जन्मदिन है। आज ही के दिन सन 1971 में वकार को दौड़ते देखना किसी भी बल्लेबाज के लिए खौफ जैसा होता। गेंद हाथ से छूटती और स्टंप हवा में उड़ते नजर आते। वसीम अकरम के साथ मिलकर उन्होंने रिवर्स स्विंग को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। इन्होंने मिलकर बल्लेबाजों को दिक्कत में डाला। वह अंग्रेजी में कहते हैं न- इट्स ऑल अबाउट हटिंग इन पेयर्स। 1990 के दशक की शुरुआत में बल्लेबाज इस जोड़ी को खेलने से बचना चाहते थे। 1990-91 में न्यूजीलैंड में उन्होंने दमदार खेल दिखाया। पहले तीन साल में उन्होंने 109 विकेट लिए। औसत रहा 18.07। और स्ट्राइक रेट 33.55 का यानी इतनी गेंद पर एक विकेट। वकार ने सचिन के साथ ही टेस्ट क्रिकेट का डेब्यू किया। दोनों ने 15 नवंबर 1989 को कराची में उन्होंने अपना टेस्ट मैच खेला। उन्होंने अपने पहली ही टेस्ट पारी में चार विकेट लिए। इसमें सचिन तेंडुलकर का विकेट भी शामिल था। वकार ने अपने करियर में 87 टेस्ट मैच खेले और 373 विकेट लिए। वहीं 262 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनके नाम 416 विकेट हैं। वकार के करियर का आंकड़ा बेहतर हो सकता था लेकिन चोटों के कारण उन्हें काफी परेशानी हुई। चोट के बाद उनकी गेंदबाजी पर असर पड़ा लेकिन इसके बावजूद वकार बल्लेबाजों को परेशान करते रहे।
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