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मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर पांचवीं बार इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीता। मुंबई की टीम बेहद संतुलित नजर आती है और साल-दर-साल लगातार अच्छा प्रदर्शन करती आ रही है। आखिर क्या मुंबई को बनाता है इतनी मजबूत और दमदार टीम...
![IPL- ये बातें हैं जो बनाती हैं मुंबई इंडियंस को सबसे मजबूत टी20 टीम IPL- ये बातें हैं जो बनाती हैं मुंबई इंडियंस को सबसे मजबूत टी20 टीम](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184052,width-255,resizemode-4/79184052.jpg)
मुंबई इंडियंस के नाम अब पांच आईपीएल खिताब हैं। यह एक दमदार यूनिट है। इसे सबसे बेहतर टी20 टीम कहा जाने लगा है। रोहित शर्मा अब आईपीएल की सबसे कामयाब टीम है।
दमदार कप्तान
![दमदार कप्तान दमदार कप्तान](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184087,width-255,resizemode-4/79184087.jpg)
सबसे ज्यादा मैच जीतने की बात हो या सबसे ज्यादा खिताब- रोहित शर्मा आईपीएल के सबसे कामयाब कप्तान हैं। रोहित ने अपनी कप्तानी में मुंबई को पांच बार चैंपियन बनाया है। हैमस्ट्रिंग चोट के कारण वह चार मैच नहीं खेल पाए लेकिन सीमित ओवरों के प्रारूप में भारत के नियमित उप-कप्तान सही समय पर रंग में आ गए। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ फाइनल में उन्होंने 51 गेंद पर 68 रन बनाए।
कोच और रणनीति
![कोच और रणनीति कोच और रणनीति](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184089,width-255,resizemode-4/79184089.jpg)
रोहित खुद बहुत शांत रहते हैं और कोच के रूप में उनके पास महेला जयवर्धने हैं जो खुद भी काफी शांत चित हैं। नीलामी प्रक्रिया से लेकर टूर्नमेंट के फाइनल तक रणनीति बनाने में महेला का काफी योगदान रहा। ट्रेंट बोल्ट, जो पहले दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा थे, उन्हें ट्रेड करके अपनी टीम में शामिल करना, एक मास्टर स्ट्रोक था। फाइनल में राहुल चाहर की जगह जयंत यादव को खिलाना भी एक रणनीतिक फैसला था, जो काम कर गया।
बोल्ट-बुमराह का दम
![बोल्ट-बुमराह का दम बोल्ट-बुमराह का दम](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184092,width-255,resizemode-4/79184092.jpg)
कहते हैं- इट्स ऑल अबाउट हटिंग इन पेयर्स- यानी गेंदबाजी दोनों छोर से हमलावर होने का नाम है। क्या इस आईपीएल में तेज गेंदबाजों की किसी जोड़ी ने बुमराह और बोल्ट जैसा दम दिखाया है? शायद नहीं। कई मौकों पर इन्हें खेल पाना असंभव रहा। इस जोड़ी ने कुल 52 विकेट लिए। अगर बोल्ट ने पावरप्ले में विपक्षी टीम को परेशान किया तो बुमराह किसी भी स्टेज पर सामने वाली टीम क लिए बड़ा खतरा थे। जिस तरह यॉर्कर पर उन्होंने पहले क्वॉलिफायर में शिखर धवन को बोल्ड किया उसे लंबे समय तक याद किया जाएगा।
इन परिस्थितियों जहां स्विंग बहुत मुश्किल से हो रही थी वहां बोल्ट ने गेंद को काफी स्विंग करवाया। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ फाइनल मैच की पहली ही गेंद पर मार्कस स्टॉयनिस का विकेट मिला। यहीं से मैच का मिजाज तय हो गया।
शानदार टॉप ऑर्डर
![शानदार टॉप ऑर्डर शानदार टॉप ऑर्डर](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184086,width-255,resizemode-4/79184086.jpg)
आप रोहित शर्मा से आईपीएल में अच्छे फॉर्म की उम्मीद कर सकते हैं लेकिन साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक ने कई ताबड़तोड़ पारियां खेलकर विपक्षी टीम को लगातार बैकफुट पर धकेला। डि कॉक ने इस लीग में 503 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 140.50 का रहा और औसत 35.92 का। उनकी फॉर्म की वजह से मुंबई की टीम अपना लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन बनाए रख सकी और उसने पावरप्ले का पूरा फायदा उठाया। नंबर तीन और चार पर भी टीम को सूर्यकुमार यादव और इशान किशन का भरपूर साथ मिला। यादव ने 40 के औसत और 145 के स्ट्राइक रेट से 480 रन बनाए वहीं इशान किशन ने 57.33 के औसत और 145.76 के स्ट्राइक सेट से 516 रनों का योगदान दिया।
गजब के फिनिशर
![गजब के फिनिशर गजब के फिनिशर](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184088,width-255,resizemode-4/79184088.jpg)
बल्लेबाजी के लिहाज से देखें तो मुंबई इंडियंस आईपीएल इतिहास की सबसे मजबूत टीम है। टीम के पास कायरन पोलार्ड और पंड्या बंधु (हार्दिक और क्रुणाल) हैं। वे आखिरी पांच ओवरों में दमदार बल्लेबाजी करते हैं। वे बड़े शॉट्स खेलते हैं। इस पूरे सीजन में पंड्या ने 25 छक्के लगाए लेकिन वह सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर खेले। पोलार्ड ने 22 छक्के लगाए।
टीम भावना
![टीम भावना टीम भावना](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-79184085,width-255,resizemode-4/79184085.jpg)
टीम ने कई खिलाड़ियों को बरसों तक टीम के साथ रखा। टीम सेट हो चुकी है और खिलाड़ियों के बीच एक मजबूत रिश्ता बन चुका है। चूंकि खिलाड़ी एक-दूसरे के साथ काफी समय से खेल रहे हैं इसलिए वे परिवार का हिस्सा बन चुके हैं। फाइनल से पहले भी खिलाड़ी एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक कर रहे थे। खिलाड़ी अपना निजी फायदा छोड़कर टीम के हित में मिलकर काम करते हैं। इसका एक उदाहरण सूर्यकुमार यादव का कप्तान रोहित शर्मा को बचाने के लिए खुद को रनआउट करवाना भी है।
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