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नई दिल्ली महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी वाली चेन्नै सुपर किंग्स (CSK) इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में संघर्ष कर रही है। मुंबई के हाथों 10 विकेट की सबसे करारी शिकस्त ने CSK का रास्ता और मुश्किल कर दिया है। टीम पॉइंट्स टेबल में सबसे निचले पायदान है। उसका रनरेट भी बहुत खराब है। धोनी की टीम को अब प्लेऑफ में पहुंचने के लिए एड़ी-चोटी का जोर तो लगाना ही पड़ेगा, उसे दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर भी निर्भर रहना होगा। यूं तो अंतिम चार में पहुंचने की चेन्नै की उम्मीदें लगभग समाप्त हो गई हैं लेकिन गणित के हिसाब से वह अब भी चमत्कार कर सकती है। CSK अब भी प्लेऑफ में पहुंच सकती है मगर उसके लिए बहुत कुछ ऐतिहासिक होना चाहिए। अब भी कैसे प्लेऑफ में पहुंच सकती है CSK?पॉइंट्स टेबल में सबसे निचले पायदान पर मौजूद CSK ने अबतक 11 मैच खेले हैं। तीन में उसे जीत मिली है जबकि 8 मैच हारे हैं। उसके कुल 6 अंक हैं और नेट रनरेट -0.733 है जो नीचे की चार टीमों में खराब है। अब तक टॉप की तीन टीमें 7-7 मैच जीत चुकी हैं, ऐसे में चेन्नै का बेस्ट चांस चौथे पायदान तक पहुंचने का हो सकता है। लेकिन उसके लिए उन्हें अपने बाकी बचे तीनों मैच काफी बड़े अंतर से जीतने होंगे। अगर कोई रोमांचक मैच हुआ या चेन्नै हार गई तो टूर्नमेंट से बाहर होना तय हो जाएगा क्योंकि नेट रनरेट बहुत खराब है। जीत ही काफी नहीं, किस्मत का साथ बहुत जरूरीCSK को न सिर्फ बड़े अंतर से मैच जीतने हैं, बल्कि यह दुआ भी करनी है कि कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) अपने बाकी बचे 4 मैचों में से केवल एक मैच ही जीत पाए। अगर KKR दो मैच जीतती है तो CSK की उम्मीदें खत्म हो जाएंगी क्योंकि KKR पहले ही 5 मैच जीत चुकी है। CSK अब ज्यादा से ज्यादा 6 मैच ही जीत सकती है। सिर्फ KKR ही नहीं, CSK को अपने ऊपर की तीन और टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा। अगर किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP), राजस्थान रॉयल्स (RR) या सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) दो से ज्यादा मैच जीत लेते हैं तो CSK बाहर हो जाएगी। इन तीनों टीमों ने चार-चार मैच जीते हैं। मुंबई ने करारी हार देकर तोड़ीं CSK की उम्मीदेंशुक्रवार को मुंबई इंडियंस (MI) ने CSK को उसकी सबसे करारी हार का स्वाद चखाया। चेन्नै इससे पहले टूर्नमेंट में कभी भी 10 विकेट से नहीं हारी थी। मुंबई ने चेन्नई को 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 114 रनों पर ही रोक दिया था। फिर ईशान किशन के नाबाद 68 और क्विंटन डी कॉक के नाबाद 46 रनों के दम पर 12.2 ओवरों में बिना विकेट खोए हासिल कर लिया। इससे पहले चेन्नै को नौ विकेट से हार मिली थी जो उसकी सबसे बुरी हारों में से एक थी। संयोग से, CSK को वो हार भी मुंबई ने 2008 में दी थी।
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