ऑस्ट्रेलियाई मूल के तेज गेंदबाज मिच क्लेडन (37) ने इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में बॉल को चमकाने के लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया। यह बात पिछले महीने हुए मैच की थी। इस मामले में जांच के बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें दोषी पाया। इसी के साथ ससेक्स क्रिकेट क्लब ने अपने खिलाड़ी क्लेडन को सस्पेंड कर दिया।
ससेक्स टीम के बॉलर मिच क्लेडन पर आरोप था कि उन्होंने पिछले महीने मिडिलसेक्स के खिलाफ मैच में बॉल पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया था। इस मैच में क्लेडन ने तीन विकेट भी लिए थे।
क्लेडन अगले मैच से भी बाहर
ससेक्स ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘‘मिच क्लेडन को हमारे मैच में मिडिलसेक्स के खिलाफ बॉल पर हैंड सैनिटाइजर लगाने के ईसीबी आरोप के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस मामले में आगे कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।’’ क्लेडन अब सरे के खिलाफ अगला बॉब विलिज ट्रॉफी मैच भी नहीं खेल सकेंगे।
बॉल चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर प्रतिबंद लगा चुका
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) कोरोना प्रोटोबॉल के तहत बॉल को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। हालांकि खिलाड़ी पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, आईसीसी ने थूक की जगह अब तक किसी भी आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है।
ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर पसीने का इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही सीमित ओवरों की सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर बॉल चमकाने के लिए चेहरे के पसीने का इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे। उनके बोर्ड ने इस पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
आर्चर पर बायो-सिक्योर नियम तोड़ने पर प्रतिबंध और जुर्माना लग चुका
जुलाई के शुरुआत में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में बायो-सिक्योर नियम तोड़ा था। इसके कारण उन पर जुर्माना लगाया था और एक मैच से बाहर भी कर दिया गया था। आर्चर नियम तोड़कर सीरीज के बीच में ही अपने घर चले गए थे।
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