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नई दिल्ली के पूर्व कप्तान () को कभी टीम इंडिया की वनडे क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया गया था। तब द्रविड़ पर निशाना साधा गया था कि वह तेज से रन नहीं बनाते। द्रविड़ इस बात से बहुत दुखी हुए थे और इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत कर फिर से टीम इंडिया में वापस आने की ठानी। टीम इंडिया के पूर्व चयनकर्ता () ने द्रविड़ के उस मुश्किल दौर को याद किया है कि कैसे उन्होंने टीम इंडिया से बाहर होने का अपना गुस्सा अपनी पढ़ाई पर निकाला और फिर शानदार अंदाज में टीम इंडिया में वापसी भी की। हाल ही भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एमएसके प्रसाद एक न्यूज वेबसाइट स्पोर्ट्सकीड़ा के फेसबुक पेज पर इंटरव्यू दे रहे थे। इस दौरान जब उनसे राहुल द्रविड़ पर सवाल किया गया तो उन्होंने द्रविड़ के इस दौर को याद किया। उस दौर में प्रसाद और द्रविड़ एक ही अपार्टमेंट में रहते थे। ये दोनों खिलाड़ी अंडर 15 के दौर से एक साथ क्रिकेट खेल रहे थे। इसलिए वह द्रविड़ को बेहतर जानते हैं। प्रसाद ने बताया, 'वह तब एमबीए कर रहे थे और तब इंटरनैशनल क्रिकेट में आने की वजह से एमबीएक के एग्जाम पूरा नहीं कर पा रहे थे। वनडे टीम से बाहर होने के बाद उन्हें करीब 6 महीने का ब्रेक मिला। वह इस दौरान वापस लौटे और उन्होंने अपने 13 पेपरों को कंप्लीट किया।' भारत के लिए 6 टेस्ट और 17 वनडे मैच खेल चुके इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, 'एक ही फ्लैट में रहने के चलते मुझे अच्छे से याद है कि वह पढ़ाई के साथ-साथ रोज सुबह कड़ी मेहनत करते थे... मैं उनके इस दर्द का समझ सकता था। उन्होंने अपना सारा गुस्सा वहां (अपने एग्जाम) निकाल दिया। उन्होंने अपना एमबीए 75 या 80 फीसदी मार्क्स के साथ कंप्लीट किया और इसके बाद ही उन्होंने टीम इंडिया में वापस अपनी जगह बना ली और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1999 वर्ल्ड कप में वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे।' द्रविड़ ने 1999 वर्ल्ड कप में 8 मैच खेलकर 65.85 के औसत से सर्वाधिक 461 रन बनाए थे, जिनमें 2 शतक और 3 हाफ सेंचुरी भी शामिल थीं। इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर सुपर सिक्स तक ही चल पाया था।
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