मुंबईभारत के प्रथम श्रेणी के सबसे वयोवृद्ध क्रिकेटर का शनिवार का निधन हो गया। वह 100 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां है। उनके निधन पर और ने शोक व्यक्त किया है। तेंडुलकर ने रायजी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए छह महीने पहले उनकी मुलाकात को याद किया। तेंडुलकर ने ट्वीट किया, ‘मैं श्री वसंत रायजी से इस वर्ष की शुरुआत में उनका 100वें जन्मदिन मनाने के लिए मिला था। उनमें क्रिकेट खेलने और देखने के लिए जुनून था। उनके निधन से मेरे दिल को दुख पहुंचा है। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है।’ पढ़ें- भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘बीसीसीआई को यह जानकर दुख हुआ कि प्रथम श्रेणी के पूर्व क्रिकेटर और इतिहासकार वसंत रायजी का निधन हो गया। उन्होंने इस साल 26 जनवरी को अपना 100वां जन्मदिन मनाया था।’ उनके दामाद सुदर्शन नानावती ने बताया, ‘दक्षिण-मुंबई के वालकेश्वर के अपने घर में तड़के दो बजकर बीस मिनट पर नींद में ही उनका निधन हो गया।’ दाएं हाथ के बल्लेबाज रायजी ने 1940 के दशक में नौ प्रथम श्रेणी मैच खेले। उन्होंने कुल 277 रन बनाए जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 68 रन था। उन्होंने 1939 में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया की टीम के लिए पदार्पण किया। वह नागपुर में मध्य प्रांत और बरार के खिलाफ खेलने वाली टीम का हिस्सा थे। मुंबई के लिए उन्होंने 1941 में पदार्पण किया और विजय मर्चेंट की अगुवाई में पश्चिमी भारत के खिलाफ मैदान में उतरे। रायजी क्रिकेट इतिहासकार और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी थे। पढ़ें- वह जब 13 साल के थे तब भारतीय टीम ने बॉम्बे जिमखाना में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। जनवरी में जब रायजी 100 वां जन्मदिन मना रहे थे तब दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने उनसे शिष्टाचार भेंट की थी। बीसीबीआई ने बताया कि रायजी मुंबई में जॉली क्रिकेट क्लब के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने रणजीतसिंहजी, दलीपसिंहजी, विक्टर ट्रम्पर, सीके नायडू और एलपी जय पर किताबें लिखी हैं।
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