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लॉकडाउन में छूट के बाद ओलिंपिक स्पोर्ट्स से जुड़े कई खिलाड़ियों ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। लेकिन भारतीय तैराकों को अभी भी ट्रेनिंग की इजाजत नहीं मिली है। 2010 एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले तैराक वीरधवल खाड़े इससे नाराज हैं।
उन्होंने ट्रेनिंग के लिए स्वीमिंग पूल नहीं खोलने पर संन्यास लेने तक की बात कही है। टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों, लॉकडाउन से हो रही परेशानी जैसे तमाम मामलों पर इस तैराक ने दैनिक भास्कर से खास बात की...
ट्रेनिंग शुरू होने के बाद अपना पिछला प्रदर्शन के स्तर तक पहुंचने में कितना वक्त लगेगा?
वीरधवल खाड़े: मुझे लगता है कि अगर आज से भी मैं प्रैक्टिस शुरू करूंगा, तब भी अपना पिछला प्रदर्शन हासिल करने में कम से कम 8 महीने का वक्त लगेगा। तीन महीने से स्वीमिंग पूल बंद होने के कारण मैं प्रैक्टिस नहीं कर पाया हूं। ऐसे में मुझे शून्य से शुरू करना पड़ेगा।
वहीं, कुश्ती, बॉक्सिंग जैसे खेलों में आप फिजिकल एक्सरसाइज कर सकते हैं। इसका फायदा खिलाड़ियों को मिलता है लेकिन स्वीमिंग में फिजिकल वर्क से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। आपको पूल में 6 -7 घंटा प्रैक्टिस करना जरूरी है।
आप ओलिंपिक के लिएयोग्यता हासिल कर चुके हैं, उसके बाद भी संन्यास लेने की क्यों सोच रहे है?
वीरधवल खाड़े: लॉकडाउन खत्म होने के बाद ओलिंपिक क्वालिफाई कर चुके अन्य खिलाड़ियों के लिए एसओपी के हिसाब से कैम्प लगाए जा रहे हैं, जबकि स्वीमिंग का एसओपी अभी खेल मंत्रालय और स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के पास अप्रूवल के लिए अटका हुआ है।
वहीं, स्वीमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से एसओपी तैयार कर भेजा जा चुका है। हम लोग तीन महीने से प्रैक्टिस नहीं कर पाए हैं। ऐसे में और देरी होने से हम लोगों का करियर दांव पर लग जाएगा। मेरे पास संन्यास के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
क्या टोक्यो ओलिंपिक के बाद आपने संन्यास लेने की योजना बनाई थी?
वीरधवल खाड़े: जी, 2020 टोक्योमेरा अंतिम ओलिंपिक था। इसके बाद मुझे संन्यास लेना था क्योंकि टोक्यो गेम्स को एक साल के टाल दिया गया है, ऐसे में मैं 2021 ओलिंपिक गेम्स के बाद संन्यास लेता। लेकिन अगर स्वीमिंग पूल जल्द नहीं खुले तो मुझे उससे पहले ही संन्यास लेना पड़ेगा। क्योंकि कोरोना के कारण अभी नेशनल स्वीमिंग चैंपियनशिप भी करीब एक साल से पहले होने की उम्मीद नहीं है।
आपने कहा कि एसओपी को अप्रूवल नहीं मिला है, आपको इसमें किसकी गलती नजर आती है?
वीरधवल खाड़े: देखिए, मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं देना चाहता। हालांकि, मुझे लगता है कि तालमेल का अभाव रहा होगा। अगर साई और खेल मंत्रालय को लगता है कि एसओपी में कोई खामी है, तो वह फेडरेशन और तैराकों के साथ बातचीत करके उसका हल निकाल सकते हैं।
स्वीमिंग पूल को शुरू करने को लेकर आपकी साई या खेल मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत हुई?
वीरधवल खाड़े: मैंने खेल मंत्रालय या साई के अधिकारियों से पहले बात नहीं की। हालांकि, मैं टीम के कोच और फेडरेशन के अधिकारियों के संपर्क में था। उन्होंने बताया था कि साई और खेलमंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत हो रही है। फेडरेशन की ओर से एसओपी तैयार कर भेजा जा चुका है। मैंने आज खेलमंत्री सहित सभी को ट्वीट किया है।
कोरोनासंक्रमण से बचते हुए कैसे स्वीमिंग पूल खोले जा सकते हैं, आपका क्या सुझाव है?
वीरधवल खाड़े: देखिए यूरोप, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में स्वीमिंग पूल खोल दिए गए हैं, वहां पर तैराक प्रैक्टिस कर रहे हैं। वहां, एक लेन में एक तैराक ही प्रैक्टिस कर रहा है। यहां भी ऐसा कर सकते हैं। मेरे साथ पांच अन्य तैराक ओलिंपिक के लिए बी-क्वालिफिकेशन मार्क हासिल कर चुके हैं। इनमें से दो देश के बाहर प्रैक्टिस कर रहे हैं। केवल चार तैराक ही देश में हैं।
मेरा मानना है कि ओलिंपिक क्वालिफाई कर चुके तैराकों के लिए स्विमिंग पूल खोलना चाहिए। कैंप शुरू करने से पहले कोरोना टेस्ट कराना चाहिए। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही ट्रेनिंग की इजाजत देनी चाहिए। वहीं चेंजिंग रूम को बार-बार सेनेटाइज्ड करने की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे कोरोना संक्रमण की आशंका कम हो जाएगी।
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