ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट माइकल हसी ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर टेस्ट खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता है। लेकिन, रोहित शर्मा के खेलने का अंदाज और काबिलियत दूसरों से काफी अलग है। उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं होगी। भारतीय टीम को दिसंबर-जनवरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 4 टेस्ट और 3 वनडे की सीरीज खेलना है।
सीरीज का पहला टेस्ट 3 दिसंबर को ब्रिस्बेन में होगा। इसके बाद दोनों टीमों के बीच 26 दिसंबर को मेलबर्न में बॉक्सिंग डे और 3 जनवरी को सिडनी में न्यू ईयर टेस्ट खेला जाएगा। इसके बाद 12 जनवरी को वनडे सीरीज का पहला मैच होगा। कोरोना के कारण ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने स्टेडियम में सिर्फ 25% दर्शकों को आने की मंजूरी दी है।
रोहित ने पिछली सीरीज में 3 शतक लगाए थे
इस सीरीज में सभी की नजरें रोहित पर ही होंगी, क्योंकि अक्टूबर में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 टेस्ट की सीरीज में एक दोहरा शतक समेत 3 सेंचुरी लगाई थीं। इस सीरीज में रोहित ने पहली बार टेस्ट में ओपनिंग की थी। हालांकि, चोट के कारण वे फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ नहीं खेल सके थे।
रोहित की काबिलियत को लेकर कोई शक नहीं
हसी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वह (रोहित) कई वनडे में टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी कर चुका है। हाल ही में उसने टेस्ट में भी खुद को साबित किया है। इन सबसे उसे काफी कॉन्फिडेंस मिला है। मुझे उसकी काबिलियत को लेकर कोई शक नहीं है। वह इस ऑस्ट्रेलियाई परिस्थिति को काफी अच्छे से संभाल लेगा।’’
तेज गेंदबाजों को मुश्किल हो सकती है
हसी ने सोनी टेन के शो में कहा, ‘‘रोहित शर्मा के लिए ऑस्ट्रेलियन परिस्थिति में ढलने में भी समय नहीं लगेगा। मुश्किलें सिर्फ तेज गेंदबाजों को हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की दो साल बाद भारत के खिलाफ वापसी मुश्किल होगी। उन्हें स्ट्रगल करना पड़ सकता है।’’ दरअसल, 2018 में स्मिथ और वॉर्नर पर बॉल टेम्परिंग के कारण एक साल का प्रतिबंध लगा था।
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सनथ जयसूर्या ने अपने बल्ले से वे कमाल किए जो उस समय सोचे भी नहीं जा सकते थे। महज 48 गेंद पर शतक हो या फिर 17 गेंद पर हाफ सेंचुरी। जयसूर्या का नाम ही आक्रामक बल्लेबाजी का पर्याय बन गया था। गेंदबाज के रूप में शुरुआत करने के बाद तब के श्रीलंकाई कोच डेव वॉटमोर और कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने जयसूर्या को सलामी बल्लेबाज बनाया। और फिर इसके बाद रमेश कालूविताराना के साथ मिलकर उन्होंने एक ऐसी सलामी जोड़ी बनाई जो दुनियाभर के गेंदबाजों के लिए खौफ बन गई। गेंद शॉर्ट हो या फुल, जयसूर्या का हमला पूरा रहता था। बेशक, वह ऐसे बल्लेबाज रहे जिन्होंने वनडे क्रिकेट को बदलकर रख दिया।
सचिन तेंडुलकर के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्लेबाजी के कई कीर्तिमान हैं। ऐसे कई रेकॉर्ड हैं, जो सचिन के संन्यास लेने के बाद भी अभी तक कायम हैं। उनमें से एक रेकॉर्ड सचिन ने आज हासिल किया था। सचिन ने आज ही के दिन इतिहास रचते हुए वनडे इंटरनैशनल में 15000 रन पूरे किए थे। वह यह मुकाम हासिल करने वाले दुनिया के पहले और इकलौते बल्लेबाज बने थे।