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खेल डेस्क. आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) गुरुवार से शुरू हुई। शुक्रवार को एक मैच कराची किंग्स और पेशावर जाल्मी के बीच खेला गया। मैच के दौरान कराची किंग्स के कथित कोच टीम के डगआउट में मोबाइल फोन पर बातचीत करते दिखे। उनके बिल्कुल करीब प्लेयर्स भी थे। बवाल मचा तो आईसीसी भी जागी। लेकिन, उसने भी इसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का डोमेस्टिक टूर्नामेंट बताकर जांच करने को कह दिया। शोएब अख्तर ने घटना पर नाखुशी जताई। हालांकि, पीसीबी अब तक इस मामले में जुबान खोलने तैयार नहीं है।
हर मामले में दखल मुमकिन नहीं
आईसीसी के नियमों के मुताबिक, मैच से पहले प्लेयर्स और स्टाफ के फोन एंटी करप्शन यूनिट के पास जमा कराने होते हैं। वॉकी-टॉकी ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं। मैनेजर को इमरजेंसी में मोबाइल फोन इस्तेमाल की करने की इजाजत है लेकिन इसके लिए कड़ी शर्तें हैं। डगआउट, ड्रेसिंग रूम या पवैलियन में मैच के दौरान फोन का उपयोग नहीं किया जा सकता। आईसीसी ने पीएसएल मामले पर कहा- यह पीसीबी का घरेलू टूर्नामेंट है। हम हर मामले में दखलंदाजी नहीं कर सकते। इस मामले की जांच पीसीबी ही करेगा। दूसरी तरफ पीसीबी चुप है। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने घटना का फोटो शेयर करते हुए इसे बेहद गलत हरकत करार दिया।
मैनेजर कौन?
पीसीबी चीफ एहसान मनी ने घटना पर मीडिया के सवालों को जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। कराची किंग्स के कोच और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोन्स ने ट्वीट में कहा, “फोन पर बात करने वाला शख्स हमारा सीईओ तारिक वासी है। वो अपना काम कर रहा था। सभी टी-20 लीग में सीईओ और मैनेजर फोन पर बात कर सकते हैं। वो प्रैक्टिस के बारे में बात कर रहे थे।” मामला यहीं रोचक हो जाता है। जोन्स ने तारिक वासी को सीईओ बताया। लेकिन, टीम के मीडिया मैनेजर फैजल मिर्जा ने वासी को मैनेजर बताया। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में नवीद रशीद को मैनेजर बताया गया है। यानी घालमेल बहुत गहरा नजर आता है।##
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