खेल डेस्क. फेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए फेडरेशन और खेल मंत्रालय दोनों ने तैयारी शुरू कर दी है। ओलिंपिक में फेंसिंग के 36 मेडल हैं। 2024 और 2028 ओलिंपिक को ध्यान में रखते हुए फेंसिंग फेडरेशन देशभर के 50 जिलों में परफॉर्मेंस सेंटर बनाएगा। हर सेंटर में 5-5 लाख की खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा खेल मंत्रालय 7 हाई परफॉर्मेंस सेंटर खोलने जा रहा है। हर सेंटर में 75 से 150 खिलाड़ियों को रखा जाएगा। इसके लिए 9 करोड़ रुपए का बजट मिल चुका है। 1 अप्रैल से 3 सेंटर शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा 6 विदेशी कोच भी रखे जाएंगे। भारतीय महिला फेंसिंग खिलाड़ी भवानी देवी अभी वर्ल्ड रैंकिंग में 44वें नंबर पर काबिज हैं। उन्हें अभी दो वर्ल्ड चैंपियनशिप के मुकाबले खेलने हैं।
यदि वे टॉप-34 में जगह बना लेती हैं तो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लेंगी। फेंसिंग में ईपी, फॉइल और सेबर तीन तरह के इवेंट होते हैं। अब तक हर साल सीनियर कैटेगरी के एक नेशनल के अलावा फेडरेशन कप का आयोजन किया जाता है। लेकिन फेडरेशन अब तीन और रैंकिंग चैंपियनशिप का आयोजन करेगा। नेशनल चैंपियनशिप में हर राज्य के चार-चार खिलाड़ी हर इवेंट में उतर सकेंगे। वहीं रैंकिंग टूर्नामेंट में 8-8 खिलाड़ियों को मौका दिया जाएगा।
नडियाद सेंटर में बॉयज, गर्ल्स दोनों को ट्रेनिंग
पटियाला, पुणे और नडियाद में तीन हाई परफॉर्मेंस सेंटर 1 अप्रैल से शुरू होंगे। पटियाल में गर्ल्स, पुणे में बॉयज और नडियाद में गर्ल्स-बॉयज दाेनों कैटेगरी के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ईपी, फॉइल और सेबर तीनों कैटेगरी के 25-25 खिलाड़ियों को सेंटर में जगह दी जाएगी। यानी हर सेंटर में 75 से 150 खिलाड़ी रहेंगे। चार अन्य सेंटर मप्र, औरंगाबाद, इंफाल और केरल में खोले जाने हैं। हर सेंटर पर तीन-तीन करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों को एक्सपोजर टूर पर भेजा जाएगा। 4.5 करोड़ रुपए के बजट की मंजूरी मिल चुकी है।
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