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खेल डेस्क. मार्नश लबुशाने ने एक साल पहले दुबई में पाक के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। वे दूसरी गेंद पर शून्य पर आउट हो गए थे। 6 महीने पहले वे रिजर्व बेंच पर थे। प्लेइंग-11 में उनकी जगह पक्की नहीं थी। एशेज के दूसरे टेस्ट में स्टीव स्मिथ के चोटिल होने के बाद लबुशाने को लाइफलाइन मिली। कन्कशन के नए नियम के अनुसार सिर में चोट लगने के बाद दूसरे खिलाड़ी को शामिल किया जा सकता है। लबुशाने ने इस टेस्ट में 59 रन बनाकर मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। इस पारी ने टीम में उनकी जगह पक्की कर दी।
इसके बाद उनके करियर में नया मोड़ आया। लॉर्ड्स टेस्ट के 6 महीने बाद लबुशाने का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा। अंतिम 10 पारियों में उन्होंने 6 बार 50+ का स्कोर बनाया। इसमें तीन शतक भी है। इसके अलावा उन्होंने कई और रिकॉर्ड बनाए। वे 14 टेस्ट की 22 पारियों में 1400 रन के साथ इतिहास में पांचवें सबसे तेज रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं और खुद को बड़े खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। उनसे आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रेडमैन (2115), इंग्लैंड के हर्बर्ट (1611), विंडीज के एवर्टन वीक्स (1520) और ऑस्ट्रेलिया के आर्थर मॉरिस (1408) ही हैं।
लबुशाने ने ब्रैडमैन की याद दिलाई
लबुशाने ने अपनी तकनीक से ब्रैडमैन की याद दिला दी है। इंग्लैंड, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली तीन सीरीज में अच्छा प्रदर्शन कर लबुशाने आईसीसी रैंकिंग में टॉप-5 में आ गए हैं। मौजूदा समय में वे चौथे नंबर पर हैं। उनके आगे सिर्फ विराट कोहली, स्टीव स्मिथ और केन विलियम्सन हैं।
लबुशाने के प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलियाई टीम में भी उत्साह है। 2018 में बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद से टीम संघर्ष कर रही थी। लेकिन टीम अब अच्छी दिख रही है। टेम्परिंग विवाद के बाद वॉर्नर और स्मिथ पर एक साल का बैन था। इस कारण टीम के बल्लेबाज स्ट्रगल कर रहे थे। टीम की बल्लेबाजी अब शानदार दिख रही है। स्मिथ और वॉर्नर भी टीम में हैं। लबुशाने और स्मिथ की जोड़ी ने कई पुराने दिग्गजों की याद दिला दी है।
युवा खिलाड़ियों को प्रदर्शन बरकरार रखना होगा
द्रविड़-लक्ष्मण, सोबर्स-कन्हाई जैसे खिलाड़ियों ने कई महत्वपूर्ण साझेदारी की। लेकिन युवा खिलाड़ी को अपने इस प्रदर्शन को बरकरार रखना होगा। क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं जब एक या दो सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद खिलाड़ी बाहर हो गए। करियर में उतार-चढ़ाव नई बात नहीं है। लंबे करियर में हर बल्लेबाज और गेंदबाज को इससे गुजरना होता है। यह एक खिलाड़ी की असली परीक्षा होती है। आने वाला कठिन समय लबुशाने का इंतजार रहा है।
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